Trending Photos
Olive Ridley Turtle: ओडिशा तट पर स्थित गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य में करीब चार साल पहले ऑलिव रिडले प्रजाति के एक कछुए को टैग किया गया था, जो बंगाल की खाड़ी के जरिए लगभग 3,600 किलोमीटर तैरकर महाराष्ट्र के एक समुद्र तट पर देखा गया. भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआई) के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने यह जानकारी दी. वैज्ञानिक ने बताया कि 18 मार्च 2021 को टैग किया गया यह कछुआ महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में एक समुद्र तट पर पाया गया था, जहां यह अंडे देने के लिए पहुंचा था.
जेडएसआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक बासुदेव त्रिपाठी ने कहा कि यह पहला मामला है जिसमें वह कछुआ अंडे देने के लिए इतनी दूर गया जिसने पहले ओडिशा के तट पर अंडे दिए थे. बासुदेव त्रिपाठी ने कहा कि सामान्यतः प्रवास व्यवहार का अध्ययन करने के लिए ओडिशा में जिन कछुओं को टैग किया जाता है वे इतनी लंबी दूरी तय नहीं करते हैं. उन्होंने कहा, "इससे पहले, श्रीलंका के उत्तरी तट से मछुआरों ने कुछ टैग किए गए कछुओं को बचाया था. हालांकि, पूर्वी राज्य में टैग किए गए कछुओं के श्रीलंका में अंडे देने का कोई इतिहास नहीं है."
प्रवासन चलन के बारे में वैज्ञानिक बासुदेव त्रिपाठी ने कहा कि समुद्री कछुए आमतौर पर भोजन की तलाश और अंडे देने के स्थानों के बीच प्रवास करते हैं. उन्होंने कहा, "नर और मादा कछुए प्रजनन क्षेत्रों की ओर पलायन करते हैं, और आमतौर पर उन समुद्र तटों पर लौट आते हैं जहां उनका जन्म हुआ था." वैज्ञानिक ने कहा, "बंगाल की खाड़ी के किनारे ओलिव रिडले कछुओं के भोजन और प्रजनन स्थलों की पहचान करने और उनके प्रभावी संरक्षण की रणनीति बनाने की जरूरत है.
वैज्ञानिक बासुदेव त्रिपाठी ने कहा, "चूंकि ओडिशा तट से एक टैग किया हुआ कछुआ पहली बार महाराष्ट्र के तट पर अंडे देने पहुंचा है, इसलिए इन भ्रमणशील समुद्री प्रजातियों के व्यवहार पर अधिक विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन का केन्द्र है."
बासुदेव त्रिपाठी ने कहा, "इस मादा कछुए ने महाराष्ट्र स्थित स्थल पर अंडे देने के लिए कम से कम 3,600 किलोमीटर की कठिन यात्रा की." उन्होंने कहा, "पूर्व में टैग किए गए ऑलिव रिडले समुद्री कछुए गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य से एक महीने के भीतर लगभग 1000 किलोमीटर की यात्रा करके उत्तरी श्रीलंका के समुद्र तक पहुंच गए, लेकिन उन्होंने वहां अंडे नहीं दिए." ओडिशा वन विभाग ने 1999 में कछुओं को टैग करने का चलन शुरू किया था, जिसमें लगभग 1,000 कछुओं को टैग किये गये थे.