तुलसी की माला पहनकर कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये काम, हो सकता है बुरा अंजाम
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तुलसी की माला पहनकर कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये काम, हो सकता है बुरा अंजाम

Sawan Tulsi Mala Niyam: सावन में तुलसी माला से जुड़े खास नियम बताए गए हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि सावन में तुलसी माला से जुड़ी कौन-कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए. 

तुलसी की माला पहनकर कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये काम, हो सकता है बुरा अंजाम

Sawan Tulsi Mala Niyam: सावन का महीना भगवान शिव की उपासना का पावन समय माना जाता है. इस दौरान जप, तप और साधना का विशेष महत्व होता है. भक्त तुलसी की माला से भगवान विष्णु या राम का जाप तो करते ही हैं, लेकिन सावन में यदि आप तुलसी की माला का उपयोग करना चाहते हैं, तो इससे जुड़े कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है, ताकि जप का पूर्ण फल प्राप्त हो सके. आइए जानते हैं कि सावन में तुलसी माला से जुड़े खास नियम और इन से जुड़ी कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए. 

सावन में तुलसी माला से जुड़े प्रमुख नियम

तुलसी माता भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं. वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी का उपयोग शिव पूजा में वर्जित माना गया है. इसलिए सावन में भगवान शिव का जप रुद्राक्ष माला से करना चाहिए, न कि तुलसी माला से.

इन कार्यों में तुलसी माला का प्रयोग है उत्तम

तुलसी माला का प्रयोग केवल भगवान विष्णु, श्रीराम, श्रीकृष्ण, या नारायण मंत्रों के जप के लिए करें.

माला की शुद्धता का रखें ध्यान

माला को किसी भी अपवित्र स्थान पर न रखें. स्नान के बाद ही तुलसी माला को स्पर्श करें और जप करें.

तुलसी माला को जमीन पर न रखें

माला को हमेशा किसी पवित्र स्थान पर रखें – जैसे पूजा स्थान या कपड़े से ढके बॉक्स में. 

रात्रि में माला नहीं पहनें

तुलसी माला को रात्रि में सोते समय या शौच जाते समय नहीं पहनना चाहिए. उसे उतारकर साफ जगह पर रखें. ऐसा करन से तुलसी माला की पवित्रता बरकरार रहती है. 

मंत्र जप करते समय माला को ढककर रखें

धार्मिक दृष्टिकोण से तुलसी माला को सार्वजनिक रूप से न दिखाकर ओढ़नी या अंगवस्त्र से ढककर जप करना श्रेष्ठ माना गया है.

अभिमान से न करें जप

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जप करते समय मन को शांत रखकर भगवान में लगाएं. माला का उपयोग केवल आध्यात्मिक उद्देश्य से करें, दिखावे के लिए नहीं.

महिलाएं मासिक धर्म के दौरान माला का प्रयोग न करें

शास्त्रों के अनुसार इस दौरान जप, पूजन और माला प्रयोग वर्जित होता है. इस दौरान तुलसी की माला का किसी प्रकार से इस्तेमाल ना करें. ऐसा करने माला की पवित्रता भंग हो जाएगी. 

माला को किसी और को न दें

जिस माला से आप जप कर रहे हैं, उसे किसी और को देने से उसकी शक्ति और पवित्रता प्रभावित होती है. ऐसा में अपनी माला किसी अन्य को जाप के लिए ना दें. 

माला की संख्या रखें सीमित

एक दिन में तुलसी माला से जितना भी जप करें, उसी की गणना करें और अनावश्यक रूप से माला को बार-बार हाथ में न लें. ऐसा करने से जप भंग हो सकता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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