तीन राज्यों में फैल गई रोशनी, अचानक आसमान में नजर आया खौफनाक 'आग गोला', दहशत में वैज्ञानिक!
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तीन राज्यों में फैल गई रोशनी, अचानक आसमान में नजर आया खौफनाक 'आग गोला', दहशत में वैज्ञानिक!

Asteroid in China:  चीन में बुधवार को स्थानीय समयानुसार रात 9:33 बजे आग का गोला देखा गया और इसके साथ ही जोरदार धमाका भी हुआ. माओमिंग में कई लोगों ने इस उल्कापिंड को देखा, जो इतना चमकीला था कि रात में दिन हो गया.

तीन राज्यों में फैल गई रोशनी, अचानक आसमान में नजर आया खौफनाक 'आग गोला', दहशत में वैज्ञानिक!

Asteroid in China: 28 मई, बुधवार रात आसमान में एक रहस्यमय आग का गोला दिखाई दिया, जिसे देखकर चीन के हर लोग हैरान रह गए. यह चमकता हुआ गोला बहुत ही तेज़ी से आसमान की तरफ गया और फिर एक ज़ोरदार आवाज़ सुनाई दी, जिससे लोगों में खौफ और घबराहट फैल गई. कई लोगों ने सोचा कि कहीं कोई उल्कापिंड तो धरती से नहीं टकराया. हालांकि,  बाद में साइंटिस्ट ने बताया कि यह एक एक आग का गोला था, जो पृथ्वी के वायुमंडल में एंट्री करते ही जलने लगा. इसकी चमक इतनी तेज़ थी कि इसे गुआंगडोंग प्रांत में ही नहीं बल्कि माओमिंग शहर से लेकर हैनान प्रांत तक लोगों ने देखा. चीन न्यूज़ सर्विस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह एक सामान्य लेकिन हैरतअंगेज खगोलीय घटना थी.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार को स्थानीय समयानुसार रात 9:33 बजे आग का गोला देखा गया और इसके साथ ही जोरदार धमाका भी हुआ. माओमिंग में कई लोगों ने इस उल्कापिंड को देखा, जो इतना चमकीला था कि रात में दिन हो गया. चीनी observatory के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि माओमिंग के ऊपर आया यह ब्रह्मांडीय एक आग का गोला उल्का था, जिसे बोलाइड भी कहा जाता है. इस प्रकार का उल्का एक सामान्य उल्का से कई पायदान ज्यादा मकीला होता है. लेकिन इसने अपने पीछे एक हैरतअंगेज निशान भी छोड़ा दिया. इसका रंग बदल दिया और चमकीले नारंगी-पीले से नीले-हरे रंग का हो गया.

स्पेस से आया अजीबोगरीब आग का गोला 
माओमिंग के लोगों ने सोशल मीडिया पर इस घटना की सूचना दी, जिसमें स्पेस से आए इस अजीबोगरीब गोला पर हैरत जाहिर किया गया. हालांकि, उल्कापिंड के कारण किसी के घायल होने की सूचना नहीं है. एक्सपर्ट्स ने चीनी मीडिया को बताया कि यह उत्तर-पूर्व से एंट्री किया था और दक्षिण-पश्चिम की तरफ चला गया.

आग का गोला कहां उतरा?
हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि ये आग का गोला कहां उतरा? जबकि रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह दक्षिण चीन सागर में उतर सकता है. उल्कापिंड नियमित रूप से पृथ्वी के वायुमंडल में एंट्री करते हैं, लेकिन उनमें से सभी इस उल्कापिंड की तरह चमकीले या शोरगुल वाले नहीं होते. उनमें से ज़्यादातर ऊपरी वायुमंडल में जलकर गायब हो जाते हैं. लेकिन आग के गोले जैसे उल्कापिंड घर्षण से गुज़रते हैं और तेज़ी से गर्म होते हैं, जिससे प्रकाश की शदीद चमक पैदा होती है. ऐसे उल्कापिंड तेज़ ध्वनि विस्फोट भी करते हैं. बोलाइड्स केवल उल्कापिंडों तक ही सीमित नहीं हैं. वे धूमकेतु और क्षुद्रग्रहों से भी जुड़े हुए हैं. जब वे वायुमंडल में एंट्री करते हैं, तो शदीद गर्मी और दबाव निकलता है. इसकी वजह से ही वे फट जाते हैं.

1908: तुंगुस्का घटना
चीन ने इस घटना 100 साल पहले तुंगुस्का में बड़े पैमाने पर ब्रह्मांडीय विस्फोट ( cosmic explosion ) देखा था. इस घटना चीन ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था. साल 1908 में साइबेरिया के ऊपर एक बड़ा क्षुद्रग्रह ( Asteroid ) या धूमकेतु पृथ्वी से टकराया था, जिससे एक चमकदार आग का गोला और शॉकवेव पैदा हुई. इसकी वजह से 2,150 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र समतल हो गया, जिसमें 80 मिलियन से ज्यादा पेड़ नष्ट हो गए. यह हिरोशिमा परमाणु बम से 1,000 गुना ज्यादा शक्तिशाली था.

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