BIG Umpiring Blunders: क्रिकेट मैदान पर जितना दबाव खिलाड़ियों पर होता है उतना ही अंपायरों पर भी दिखता है. अंपायरिंग एक जोखिम भरा काम है, इसलिए कभी-कभी गलतियां भी हो जाती हैं. कुछ गलतियों को फैंस भूल जाते हैं, लेकिन कुछ सालों तक याद आते रहते हैं. क्रिकेट इतिहास में अब तक खराब अंपायरिंग के कई ऐसे उदाहरण मौजूद हैं जिसे देखकर आप अपना माथा पीट लेंगे.
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BIG Umpiring Blunders: क्रिकेट मैदान पर जितना दबाव खिलाड़ियों पर होता है उतना ही अंपायरों पर भी दिखता है. अंपायरिंग एक जोखिम भरा काम है, इसलिए कभी-कभी गलतियां भी हो जाती हैं. कुछ गलतियों को फैंस भूल जाते हैं, लेकिन कुछ सालों तक याद आते रहते हैं. क्रिकेट इतिहास में अब तक खराब अंपायरिंग के कई ऐसे उदाहरण मौजूद हैं जिसे देखकर आप अपना माथा पीट लेंगे. भारतीय खिलाड़ी भी इससे नहीं बच पाए हैं. महान सचिन तेंदुलकर से लेकर सुपरस्टार विराट कोहली तक इससे परेशान हुए हैं. हम ऐसे 5 अंपायरिंग फैसलों के बारे में बता रहे हैं जिसने भारतीय टीम के लिए मैच के नतीजे को बदल दिया.
1. स्टीव बकनर ने स्वीकारी गलती (2008 सिडनी टेस्ट)
भारत ने 2008 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था और इतिहास की सबसे विवादास्पद द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज में से एक में भाग लिया था. सीरीज के दूसरे मैच में कई विवादित अंपायरिंग निर्णय किए गए, जिसमें वह भी शामिल था जिसे स्टीव बकनर ने अंततः स्वीकार किया. मिड-डे को दिए एक इंटरव्यू में बकनर ने स्वीकार किया था कि उन्होंने सिडनी टेस्ट में दो गलतियां की थीं. उनसे पहली गलती तब हुई जब भारत अच्छा प्रदर्शन कर रहा था. उनकी गलती ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज एंड्रयू साइमंड्स को शतक बनाने दिया. उन्होंने दूसरी गलती मैच के पांचवें दिन की, जिससे शायद भारत को मैच गंवाना पड़ा. उन्होंने राहुल द्रविड़ को गलत तरीके से आउट करार दिया था.
2. विनीत कुलकर्णी की गलती (2015)
2015 में अंपायर विनीत कुलकर्णी के गलत फैसलों के कारण दक्षिण अफ्रीका के मैच विजेता खिलाड़ी जेपी डुमिनी को दो अतिरिक्त जीवन मिले और उन्होंने 68 रन बनाए. जब वह पहली बार आउट हुए थे तो 5 रन पर खेल रहे थे. मैच के बाद टीम इंडिया के कप्तान एमएस धोनी ने अपनी निराशा व्यक्त की और कहा कि अगर फैसले आपके पक्ष में नहीं जाते हैं, तो इससे भी दबाव बढ़ता है. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनका मानना था कि डुमिनी को पवेलियन में होना चाहिए था.
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3. सचिन तेंदुलकर बनाम बकनर (2003-04 ऑस्ट्रेलिया दौरा)
भारतीय टीम 2003-04 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी. ब्रिस्बेन में खेले गए टेस्ट मैच में सचिन तेंदुलकर के खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने आधे-अधूरे मन से एलबीडब्ल्यू की अपील की. उन्हें यह पता था कि गेंद में काफी उछाल है, इसके बावजूद अंपायर स्टीव बकनर ने उंगली उठा दी. इस फैसले ने सभी को चौंका दिया. सबसे ज्यादा सचिन तेंदुलकर हैरान हुए. उनका मुंह खुला रह गया क्योंकि यह फैसला कितना बेतुका था. यहां तक कि कमेंटेटर भी बकनर के फैसले की आलोचना कर रहे थे.
4. अलीम डार ने डिविलियर्स को बचाया (2011 विश्व कप)
2011 वर्ल्ड कप में भारत-साउथ अफ्रीका के मैच में एबी डिविलियर्स ने जहीर खान की गेंद पर बल्ला लगाया था. गेंद सीधे सचिन तेंदुलकर के हाथों में गिरी थी. भारतीय खिलाड़ियों ने जोरदार अपील की, लेकिन पाकिस्तानी अंपायर अलीम डार ने आउट नहीं दिया. एक ऐसा फैसला जिसने दर्शकों और भारतीय क्रिकेट टीम दोनों को चौंका दिया. जोरदार विरोध के बावजूद अलीम अपनी जगह से नहीं हिले.
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5. जब तीसरे अंपायर ने विराट कोहली को चौंकाया (2021)
2021 में न्यूजीलैंड की टीम भारत दौरे पर थी. मुंबई में दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा था. स्पिनर एजाज पटेल की गेंद विराट के पैड पर लगी, लेकिन साफ दिख रहा था कि उससे पहले बैट से भी लगी थी. गेंद बैट और पैड के बीच में फंसी थी. उन्हें एलबीडबल्यू आउट दिया गया. कोहली ने रिव्यू लेने का फैसला किया. इसके बाद थर्ड अंपायर वीरेंदर शर्मा ने भी हैरान करते हुए उस फैसले को नहीं बदला. विराट हैरान रह गए. उन्हें पवेलियन लौटना पड़ा.