कहानी दुनिया की नंबर 1 टेक कंपनी बनने की: जानिए कैसे दो दोस्तों ने पढ़ाई छोड़कर गैराज में कर दिखाया कमाल
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कहानी दुनिया की नंबर 1 टेक कंपनी बनने की: जानिए कैसे दो दोस्तों ने पढ़ाई छोड़कर गैराज में कर दिखाया कमाल

Success Story Of Apple: दो कॉलेज ड्रॉपआउट, स्टीव जॉब्स और स्टीव वोजनिएक ने मिलकर गैराज में एक कंपनी बनाई. 50 साल बाद यह कंपनी दुनिया की सबसे मूल्यवान टेक कंपनियों में से एक बन गई है. आइए जानते हैं एप्पल के बनने की कहानी...

 

कहानी दुनिया की नंबर 1 टेक कंपनी बनने की: जानिए कैसे दो दोस्तों ने पढ़ाई छोड़कर गैराज में कर दिखाया कमाल

How Apple Become Number 1 Tech Company: Apple कंपनी की शुरुआत 1 अप्रैल 1976 को हुई थी. इसे दो कॉलेज ड्रॉपआउट, स्टीव जॉब्स और स्टीव वोजनिएक ने मिलकर शुरू किया था. लगभग पांच दशक बाद, यह कंपनी दुनिया की सबसे मूल्यवान टेक कंपनियों में से एक बन गई है. Apple अपने प्रतिष्ठित प्रोडक्ट्स, जैसे कि iPhone, Apple Watch और MacBook, के लिए जानी जाती है. आइए जानते हैं एप्पल के बनने की कहानी...

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Apple की शुरुआत

स्टीव जॉब्स और स्टीव वोजनिएक ने कंप्यूटर की दुनिया में क्रांति लाने का सपना देखा था. वे ऐसा कंप्यूटर बनाना चाहते थे जो छोटा हो और इतना आसान हो कि हर कोई इसे अपने घर या ऑफिस में इस्तेमाल कर सके. उनकी इस यात्रा की शुरुआत Apple I कंप्यूटर से हुई, जिसे जॉब्स के गैराज में बनाया गया था. वोजनिएक ने इसकी हार्डवेयर डिजाइन की, सर्किट बोर्ड बनाए और खुद इसका ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार किया. शुरुआत में, उन्होंने Apple I के 50 यूनिट्स तैयार किए. यह कंप्यूटर एक बहुत ही साधारण डिजाइन का था—इसमें न तो केस था, न पावर सप्लाई, न डिस्प्ले और न ही कीबोर्ड. लेकिन इसके बावजूद, इसे लोगों ने काफी पसंद किया.

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पहला पर्सनल कंप्यूटर

इसके बाद, Apple ने Apple II लॉन्च किया, जो पहला पर्सनल कंप्यूटर था जो कलर ग्राफिक्स दिखाने में सक्षम था. यह कंप्यूटर मार्केट में बहुत सफल रहा और यह दुनिया के पहले मास-प्रोड्यूस्ड पर्सनल कंप्यूटर्स में से एक बन गया.

स्टीव वोजनिएक का Apple छोड़ना

स्टीव वोजनिएक ने Macintosh प्रोजेक्ट में भी अहम भूमिका निभाई. लेकिन एक बार, जब वह प्लेन में थे, टेक-ऑफ के दौरान एक दुर्घटना हो गई, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं और वह कई महीनों तक काम नहीं कर सके. जब वह ठीक होकर लौटे, तो उन्होंने देखा कि Apple II को कंपनी में कम महत्व दिया जा रहा है. यह देखकर वोजनिएक को निराशा हुई क्योंकि उन्होंने इस प्रोजेक्ट में बहुत मेहनत की थी. इसके बाद, उन्होंने फैसला किया कि वह मैनेजमेंट की जिम्मेदारियों में नहीं बल्कि इंजीनियरिंग के काम में ज्यादा रुचि रखते हैं. इसी कारण, उन्होंने Apple छोड़ने का फैसला किया.

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स्टीव जॉब्स का Apple से बाहर होना

वोजनिएक के जाने के कुछ समय बाद, स्टीव जॉब्स ने पेप्सीको के जॉन स्कली को Apple का प्रेसिडेंट बनाया. लेकिन उनके और स्कली के बीच मतभेद बढ़ने लगे, और अंततः 1985 में जॉब्स को Apple से निकाल दिया गया. Apple छोड़ने के बाद, जॉब्स ने NeXT Software नाम से एक नई कंपनी शुरू की और जॉर्ज लुकास से Pixar खरीदी. Pixar ने बाद में Toy Story और Finding Nemo जैसी हिट एनिमेटेड फिल्में बनाईं.

दूसरी ओर, Apple शुरू में अच्छा प्रदर्शन कर रही थी, लेकिन स्कली के नेतृत्व में कुछ गलत फैसले लिए गए. इनमें सबसे बड़ी गलती थी Microsoft के साथ पार्टनरशिप से इनकार करना. इससे Microsoft को Windows लॉन्च करने का मौका मिला, जिसने Apple को कड़ी टक्कर दी.

स्टीव जॉब्स की वापसी

1990 के दशक में Apple की लोकप्रियता घटने लगी और 1996 तक कंपनी की हालत काफी खराब हो गई थी. 1997 में, Apple ने NeXT Software को खरीद लिया और स्टीव जॉब्स को दोबारा CEO बना दिया. जॉब्स ने कंपनी में कई अहम बदलाव किए. उन्होंने Microsoft के साथ पार्टनरशिप की, जिससे Microsoft Office को Mac के लिए डेवलप किया गया. इस बदलाव से Apple की स्थिति मजबूत हुई. इसके बाद, Apple ने iBook और iPod लॉन्च किए, जिसने कंपनी को फिर से बाजार में सफल बनाया.

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Apple के क्रांतिकारी प्रोडक्ट्स

2007 में, Apple ने iPhone लॉन्च किया, जो पहला टचस्क्रीन स्मार्टफोन था. iPhone मार्केट में आते ही धमाल मचा दिया और यह Apple का सबसे सफल प्रोडक्ट बन गया. इसी साल, Apple ने Apple TV भी लॉन्च किया और कंपनी का नाम “Apple Computer” से बदलकर “Apple Inc.” कर दिया, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि अब यह सिर्फ कंप्यूटर कंपनी नहीं रही, बल्कि दूसरे टेक प्रोडक्ट्स भी बना रही है. इसके बाद, Apple ने iPad और Apple Watch जैसे बेहतरीन डिवाइस पेश किए. इसके साथ ही, कंपनी ने Apple Card, Apple News, Apple Arcade, और Apple TV+ जैसी सर्विसेज भी शुरू कीं.

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Apple की सफलता और वर्तमान स्थिति

दुर्भाग्य से, 5 अक्टूबर 2011 को स्टीव जॉब्स का निधन हो गया. लेकिन उनकी बनाई कंपनी Apple आज भी बहुत सफल है. वर्तमान में, टिम कुक Apple के CEO हैं. 2018 में, Apple पहली कंपनी बनी, जिसकी वैल्यू एक ट्रिलियन डॉलर (1000 अरब डॉलर) तक पहुंच गई. इसके सिर्फ दो साल बाद, Apple की वैल्यू 2 ट्रिलियन डॉलर हो गई. आज Apple दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक है, और इसके प्रोडक्ट्स को करोड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं.

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