Israel-Iran conflict: जमीन के 90 मीटर अंदर महफूज है ईरान का यूरेनियम, इजरायल चाह कर भी बाल बांका क्यों नहीं कर पा रहा?
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Israel-Iran conflict: जमीन के 90 मीटर अंदर महफूज है ईरान का यूरेनियम, इजरायल चाह कर भी बाल बांका क्यों नहीं कर पा रहा?

Israel-Iran News: इजरायल को ये इल्म है कि ईरान के परमाणु ठिकाने वो चाह कर भी नहीं बर्बाद कर सकता. ईरान ने ऐसी जगहों पर न्यूक्लियर वेपन के लिए जरूरी यूरेनियम को छिपा रखा है जहां बिना अमेरिका की मदद के वो कुछ भी नहीं कर सकता. 

 

Fordow Fuel Enrichment Plant
Fordow Fuel Enrichment Plant

Fordow Fuel Enrichment Plant: इजरायल बीते 4 दिनों से ईरान को किसी भी हद तक जाकर तबाह करने पर तुला है. ईरान ने भी करारा पलटवार करते हुए राजधानी तेल अवीव की कई इमारतों से लेकर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का विला तक उड़ा दिया. ईरान में जमीन पर मौजूद कई ठिकानों को तो इजरायल ने नेस्तनाबूद कर दिया, लेकिन जमीन के अंदर जो 'असली टारगेट' हैं, उनका बाल भी बांका नहीं हुआ है. हमले के बाद आईं सैटेलाइट तस्वीरों में कुछ ऐसे ही संकेत मिले हैं. 

तमाम धमकियों के बाद भी ईरान ने अब तक अपना न्यूक्लियर प्रोग्राम बंद नहीं किया. वहीं इजरायल ने अपने एक्शन को जायज ठहराते हुए दावा है कि उसने ईरान को न्यूक्लियर प्रोग्राम बंद करने के लिए 60 दिनों का जो अल्टीमेटम दिया था, वो पूरा होने के बाद ही उसने ये हमला किया है.

90 मीटर जमीन के अंदर ठिकाना

इजरायल के निशाने पर वैसे तो ईरान के सभी न्यूक्लियर सेंटर निशाने पर हैं. लेकिन फोर्डो में मिसाइलों की बौछार करने के बाद भी वह ईरान के 'सेफ हाउस' तक नहीं पहुंच सका है. उसे अंदेशा है कि फोर्डो में ईरान गुपचुप तरीके से न्यूक्लियर संवर्धन कर रहा है. ईरान ने अपने इस ठिकाने को इतनी महफूज जगह पर बनाया है, जहां इजरायल की मिसाइलों का पहुंचना नामुमकिन सा ही है. बताया जाता है कि फोर्डो न्यूक्लियर सेंटर कोम शहर से भी 20 मील की दूरी पर एक पहाड़ी के अंदर जमीन से 90 मीटर नीचे ईरान ने अपने न्यूक्लियर सेंटर को बेहद सुरक्षित बनाया हुआ है. देखिए ये वीडियो

2009 में IAEA की रिपोर्ट से खुलासा

ईरान के इस ठिकाने की भनक 2009 से पहले किसी को नहीं थी. 2009 में ही अमेरिका, फ्रांस जैसे देशों की इंटेलिजेंस ने दुनिया को इसके बारे में बताया था. नेतन्याहू की नजर अब इसी ठिकाने पर है. लेकिन फिलहाल वो जानने के बाद भी इस ठिकाने को जरा भी नुकसान नहीं पहुंचा सकते. परमाणु ऊर्जा को नियंत्रण में रखने के लिए बनाई गई वैश्विक संस्था इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) की नजर भी इस केंद्र पर रही है. ईरान में यूरेनियम संवर्धन का फोर्डो दूसरा सबसे बड़ा केंद्र है. 

इजराइली न्यूज वेबसाइट जेरूसलम पोस्ट ने IAEA की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया है कि ईरान में दो जगहों पर 60% तक शुद्धता वाला यूरेनियम है. अगर इसे और अधिक संवर्धित यानी बेहतर किया जाए तो इससे छह परमाणु बम बनाए जा सकते हैं.  

(ये भी पढ़ें- Iran nuclear fuel: ईरान ने सीना ठोक कर दिया परमाणु ताकत पर ऐसा ऐलान, ट्रंप-नेतन्याहू की उड़ जाएगी नींद!)

बंकर बस्टर्स या स्पेशल B-2 बॉम्बर्स ही कारगर

फोर्डो में इजरायल इतने घातक हथियारों का इस्तेमाल कर चुका है कि उनकी वजह से यहां भूकंप जैसा भी महसूस किया गया है. जमीन से 90 मीटर नीचे बने इस सेंटर को उड़ाने के लिए बंकर बस्टर्स या फिर स्पेशल B-2 बॉम्बर्स चाहिए, जो अभी सिर्फ अमेरिका के पास है.

अमेरिका जंग में सीधे नहीं कूदेगा

टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक एक्सपर्ट पीटर वाइल्डफोर्ड का कहना है कि इजरायल और ईरान के बीच जंग में अमेरिका सीधे दो-दो हाथ नहीं करना चाहता. अपने हालिया एक आर्टिकल में उन्होंने लिखा है कि अमेरिका चाहे तो बड़े आराम से फोर्डो को उड़ा सकता है. लेकिन ट्रंप में राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है. वहीं नेतन्याहू के पास ऐसे हथियार नहीं हैं जो जमीन के 90 मीटर अंदर बने ठिकाने को उड़ा सके. 

ईरानी जनरल का दावा, पाक करेगा मदद

इधर ईरान ने अब दावा किया है कि अगर उस पर किसी भी तरीके का न्यूक्लियर अटैक हुआ तो पाकिस्तान इजरायल पर न्यूक्लियर अटैक करेगा. 'तुर्किए टुडे' ने ईरानी जनरल मोहसिन रेजाई के सरकारी टीवी चैनल पर दिए बयान के हवाले से ये बात कही है. इस बीच ईरान परमाणु संधि से भी बाहर निकलने की तैयारी में जुटा है. ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघई ने सोमवार को कहा कि ईरानी संसद परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से बाहर निकलने के लिए एक विधेयक तैयार कर रही है.

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