नेतन्याहू को घर में झेलनी पड़ी किरकिरी, गाजा में हमास पर ताबड़तोड़ हमलों के बीच घिरे इजरायली पीएम
Advertisement
trendingNow12768629

नेतन्याहू को घर में झेलनी पड़ी किरकिरी, गाजा में हमास पर ताबड़तोड़ हमलों के बीच घिरे इजरायली पीएम

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को घरेलू मोर्चे पर बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने उन्हें एक मामले में बुरी तरह झटका दिया है. हालांकि वो गाजा में हमास पर हमलों को लेकर आक्रामक बने हुए हैं. 

नेतन्याहू को घर में झेलनी पड़ी किरकिरी, गाजा में हमास पर ताबड़तोड़ हमलों के बीच घिरे इजरायली पीएम

यरूशलम। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भले ही गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजरायली हमलों को लेकर खुद की पीठ थपथपा रहे हों, लेकिन घर के अंदर उनके अपने एक फैसले को लेकर किरकिरी झेलनी पड़ी है.

नेतन्याहू ने इजरायल की घरेलू सुरक्षा एजेंसी शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार को मार्च में बर्खास्त किया था, जिसे अब अदालत ने अवैध बताया है.कोर्ट ने फैसले में कहा कि बर्खास्तगी की प्रक्रिया अनुचित और कानून का उल्लंघन थी.

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कतर सरकार के गोपनीय संपर्कों को लेकर उठे सवालों के बीच इस बर्खास्तगी पर और सवाल उठे थे. नेतन्याहू ने 7 अक्टूबर को हमास के हमले को रोकने में नाकामी को लेकर रोनेन बार को जिम्मेदार माना था. नेतन्याहू ने मार्च में उन पर भरोसा खोने का हवाला देते हुए बर्खास्त कर दिया था.

विपक्षी नेताओं ने इस बर्खास्तगी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.इस बीच अप्रैल में बार ने घोषणा की थी कि वे 15 जून को इस्तीफा दे देंगे. लेकिन अगले दिन इजरायल सरकार ने उन्हें बर्खास्त करने का फैसला रद्द कर दिया. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस बर्खास्तगी के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज करने के लिए कहा. 

सुप्रीम कोर्ट के अध्यक्ष न्यायमूर्ति यित्जाक एमिट ने कहा कि बर्खास्तगी के समय नेतन्याहू हितों के टकराव के सवालों का सामना कर रहे थे. कतर गेट मामले और एक अलग गोपनीय दस्तावेज लीक कांड में उनकी जांच चल रही थी. प्रधानमंत्री ने खुद माना है कि ये जांचें उनकी व्यक्तिगत और राजनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकती हैं. रोनेन बार खुद इन जांचों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. लिहाजा उनकी बर्खास्तगी को लेकर गंभीर सवाल उठे.

इजरायल सरकार ने 10 अप्रैल से बार की छुट्टी की घोषणा की थी.अदालत ने विपक्ष की याचिकाओं की समीक्षा तक उनकी बर्खास्तगी को रोकने के लिए निषेधाज्ञा जारी की थी. अदालती आदेश के बावजूद बार ने 28 अप्रैल को घोषणा की थी कि वे 15 जून को स्वेच्छा से इस्तीफा दे देंगे.

Trending news

;