Shehbaz Sharif: पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाया था. जिसके बाद से ही पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ की बौखलाहट देखी जा रही है. आज क्वेटा में फिर एक बार ये आलम देखने को मिला.
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Shehbaz Sharif: पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाया था. हमले के बाद भारत ने कई फैसला लिया था. इसके तहत सिंधु जल संधि का समझौता रद्द कर दिया था. जिसकी वजह से पाकिस्तान की बौखलाहट देखी जा रही है. वहीं आज क्वेटा के कमांड एंड स्टाफ कॉलेज में सेना अधिकारियों को संबोधित करते हुए पीएम शहबाज शरीफ ने अपना दुखड़ा रोया है. उन्होंने चौंकाने वाला बयान देते हुए माना पाकिस्तान पहले अपने करीबी देशों के पास भीख का कटोरा लेकर जाता था. हालांकि अब वे उनसे उम्मीद नहीं करते.
किसे बताया भरोसेमंद साथी
उन्होंने कहा, चीन पाकिस्तान का सबसे पुराना दोस्त है और सऊदी अरब, तुर्की, कतर और यूएई सबसे भरोसेमंद दोस्त है. हालांकि अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय हमसे यह उम्मीद नहीं करता कि हम भीख का कटोरा लेकर आएं. इसके अलावा कहा कि मैं यह बात बिल्कुल स्पष्ट कर दूं कि वे हमसे उम्मीद करते हैं कि हम व्यापार, वाणिज्य, नवाचार, अनुसंधान और विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, लाभदायक उपक्रमों में निवेश में उनका साथ दें. उन्होंने अपने बयान में ये भी साफ कर दिया कि मैं फील्ड मार्शल असीम मुनीर के साथ इस बोझ को अपने कंधे पर उठाने वाला आखिरी व्यक्ति हूं. साथ ही उन्होंने सिंधु जल के मुद्दे पर भी बात की.
'...(intl community) Doesn't expect us to come with a begging bowl. I am the last person, along with the field Marshal Munir to carry this burden on my shoulder...' says Pakistan PM Shehbaz Sharif as he calls for usage of Pakistani natural resources
Vdo Ctsy: Pak media pic.twitter.com/B6iu7QLIe2
— Sidhant Sibal (@sidhant) May 31, 2025
पाकिस्तान ने जताई थी चिंता
पाक पीएम से पहले पाकिस्तानी सांसद सैयद अली जफर ने भी सिंधु जल समझौते को लेकर छटपटाहट दिखाई थी. उन्होंने कहा था कि अगर संकट का समाधान नहीं किया गया तो बड़ी आबादी भूख से मर सकती है. सिंधु बेसिन हमारी जीवन रेखा है. हमारा तीन-चौथाई पानी देश के बाहर से आता है. हर दस लोगों में से नौ लोग अंतरराष्ट्रीय सीमा बेसिनों पर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार, हमारी 90% फसलें इसी पानी पर निर्भर हैं. हमारी सभी बिजली परियोजनाएं और बांध इसी पानी पर बने हैं. इसलिए हमें यह समझना चाहिए कि यह हमारे ऊपर लटके पानी के बम की तरह है.