Russia Ukraine Drone Attack: रूस पर यूक्रेन ने अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है. यूक्रेन के ड्रोन अटैक में रूस में बड़े पैमाने पर तबाही देखने को मिली है. इसमें 40 फाइटर जेट स्वाहा हो गए हैं.
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Ukraine Drone Attack: रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से चल रही जंग निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है. सौ सुनार की एक लुहार की तर्ज पर यूक्रेन ने 550 दिनों के सीक्रेट प्लानिंग के बाद रूस पर ऐसा ड्रोन हमला किया है कि वो अंदर से हिल गया है. रूस के चार एयरबेस में खड़े 40 लड़ाकू विमान और सैकड़ों क्रूज मिसाइलें इस ड्रोन अटैक में तबाह हो गई हैं. आशंका है कि कहीं बौखलाए रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन परमाणु बम हमला न कर दें.
29 साल पुराना बदला लिया
यूक्रेन के ऑपरेशन Spider's Web से रूस के परमाणु बम हमला करने वाले विमान भी तबाह हुए हैं. ये हमला कर यूक्रेन ने 29 साल पुराना बदला लिया है, जब उसने Budapest Memorandum के तहत दो हजार परमाणु हथियार और 176 अंतर महाद्वीपीय मिसाइलें उसे इस वादे के साथ सौंपी थीं कि वो उस पर हमला नहीं करेगा.
Footage from Ukraine’s strike on Russian airbases. Not sure how Russia will respond with anything less that WWIII pic.twitter.com/K3JYF8lT14
— Billy Creditcard (@kevineatskats) June 1, 2025
चोरी छिपे कामिकाजे ड्रोन्स खरीदे
करीब डेढ़ साल पहले यूक्रेन ने सबसे पहले चोरी छिपे 117 फर्स्ट पर्सन व्यू कामिकाजे ड्रोन्स (Kamikaze Drones) खरीदे, जिन्हें रिमोट कंट्रोल के जरिये दूर से नियंत्रित किया जा सकता है और हमले का पूरा लाइव नजारा भी दिखाते हैं. फिर इन्हें रूस के सैन्य ठिकानों के सबसे करीब के इलाकों तक लकड़ी के बॉक्स में ले जाया गया और 1 जून को हमला किया गया. इससे सात अरब डॉलर का नुकसान रूस को पहुंचा है.
बमवर्षक विमान हुए स्वाहा
रूस का टीयू-95 और टीयू-22एम बमवर्षक विमान (Tu-95s and Tu-22M) परमाणु हमला करने में सक्षम है. रूस रात के वक्त यूक्रेन पर बमबारी के लिए ऐसे ही 120 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल करता है.ये बमवर्षक विमान पश्चिमी देशों से यूक्रेन को मिले एयर डिफेंस सिस्टम और ATACMS मिसाइल रक्षा कवच प्रणाली की पहुंच से दूर हैं, जो 185 मील तक ही काम करती हैं. सैन्य विशेषज्ञों ने इसे रूस का पर्ल हार्बर जैसे अटैक करार दया है. जब जापान ने 1941 में अमेरिकी बेस पर हमला किया था. इसके बाद अमेरिका भी द्वितीय विश्व युद्ध में कूद पड़ा था.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की ने खुद अपने बयान में बताया कि कैसे डेढ़ साल से उनकी सेना रूस पर ऐसे बड़े हमले की तैयारी रच रही थी. रूस के एयर डिफेंस सिस्टम के सामने यूक्रेन कहीं नहीं ठहरता है. रूस की मिसाइलों और रडार सिस्टम की वजह से यूक्रेन मार खा रहा था, लेकिन उसने गुरिल्ला युद्ध की तरह रूस में उसने तबाही मचाई.
यूक्रेन ने किसी फाइटर जेट या सैन्य एयरबेस की जगह सड़क पर चलते ट्रक से रूस पर सबसे बड़े ड्रोन अटैक का खतरनाक प्लान बुना ताकि वो पकड़ में न आ सके. फिर वहीं से रिमोट से संचालित विस्फोटकों से भरे ड्रोन रूस की वायुसेना ठिकानों पर दनादन दाग दिए. उसने थोड़ी से रकम में ही रूस को बड़े हथियारों के भंडार को मिनटों में स्वाहा कर दिया.
कैसे गच्चा खा गया रूस
यूक्रेन की मीडिया ने खुफिया सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी. इसमें कहा गया है कि 41 रूसी लड़ाकू विमानों को इस हमले में तबाह कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक, यूक्रेन ने ऑपरेशन स्पाइडर वेब के जरिये रूस के भीतर अति सुरक्षित सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की प्लानिंग रची थी. इसके लिए एक चलते ट्रकों में लकड़ी के बॉक्स में एफपीवी ड्रोन को छिपाकर रूसी सीमा के नजदीक ले जाया गया. यूक्रेन सही वक्त का इंतजार करता रहा और फिर रिमोट कंट्रोल से ट्रक की छतें खोलकर अचानक ड्रोन की बारिश रूस के ठिकानों पर हमला करने के लिए की गई.
रिपोर्ट के अनुसार, ड्रोन अटैक में रूस के A-50, Tu-22 M3, Tu-95 जैसे खतरनाक लड़ाकू विमानों को नष्ट किया गया है. इन विमानों का इस्तेमाल रूस लगातार यूक्रेन के शहरों पर मिसाइल हमले में कर रहा था. SBU के वीडियो में एयरबेस पर रूसी लड़ाकू विमानों को जलते हुए दिखाया गया है.
चार वायुसेना स्टेशनों पर हमला
जानकारी में कहा गया है कि यूक्रेन ने रूस के ओलेन्या, डियागिलेव, इवानोवो और बेलाया वायुसेना स्टेशन पर हमला बोला है. यूक्रेन ने ट्रकों से हवा में उड़ते ड्रोन को भी दिखाया है और रूस को ये बताया है कि कैसे एक चींटी भी हाथी को मार सकती है. रूस वीडियो में दिख रही इस तबाही से इनकार नहीं कर पाया. उसने हमले में भारी नुकसान की बात कबूली.
मिसाइलों की कमी
यूक्रेन के पास लंबी दूरी की मिसाइलें और अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों की कमी है, लिहाजा उसने ड्रोन जैसे अचूक और सस्ते हथियारों को जरिया बनाया है. उसे मालूम है कि कैसे इस गुरिल्ला वार में रूस को पस्त किया जा सकता है. अमेरिका, जर्मनी और कुछ अन्य देशों से उसे सीमित मदद ही मिल पा रही है.
ट्रंप से पुतिन के मतभेद
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गुजारिश के बावजूद पुतिन लगातार ड्रोन पर पिछले कुछ वक्त से मिसाइलों की बारिश कर रहे थे. पुतिन ने ट्रंप की चेतावनी को भी नजरअंदाज कर दिया. रूस-यूक्रेन की वार्ता से पहले इन हमलों ने बातचीत टूटने का खतरा भी पैदा कर दिया है.
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