Operation Sindoor: क्या आप जानते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब भारत और पाकिस्तान के बीच टेंशन लग रही थी, तो उस वक्त भारतीय वायुसेना के कितने फाइटर जेट गिरे थे? बीते लंबे वक्त से इसे लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं, संसद से लेकर सड़क तक लगातार बहस, हंगामा और सियासी उठापटक का सिलसिला जारी है. अब खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया दी है.
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भारत ने अपने दुश्मनों को बार-बार ये बताया है कि अगर तुम छेड़ोगे, तो हम छोड़ेंगे नहीं... भारत की संसद में मॉनसून सत्र जारी है, इस बीच विपक्षी दलों द्वारा बीते लंबे वक्त से ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग उठाई जा रही थी. जिसमें विपक्ष के नेता तमाम सवाल उठा रहे थे. इन्हीं में से एक य सवाल था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मनों ने भारत के कितने लड़ाकू विमान (Fighter Jets) गिराए? इसे लेकर ग्लोबल मीडिया में तमाम रिपोर्ट्स आईं, खुद सेना के कुछ आला अधिकारियों ने इस सवाल का मुकम्मल जवाब भी दिया. अब भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद इस विवाद पर करारा जवाब दिया है. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के इस सवाल 'हमारे कितने विमान गिरे?' का तीखा जवाब दिया.
'एक बार भी नहीं पूछा कि दुश्मन के हमने कितने विमान मार गिराए'
'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर संसद में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्षी नेताओं पर करारा हमला बोला. उन्होंने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, 'नेता प्रतिपक्ष हमेशा पूछा कि हमारे कितने विमान पाकिस्तान ने मार गिराए, एक बार भी नहीं पूछा कि दुश्मन के हमने कितने विमान मार गिराए.'
'क्या भारत ने आतंकी ठिकानों को तबाह किया? तो उसका उत्तर है-हां'
राजनाथ सिंह ने कहा कि विपक्ष को सवाल जरूर पूछना चाहिए, लेकिन सवाल उद्देश्यपूर्ण और राष्ट्रीय हित में होना चाहिए. उन्होंने कहा, 'विपक्ष का सवाल यह होना चाहिए कि क्या भारत ने आतंकी ठिकानों को तबाह किया? तो उसका उत्तर है-हां. ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा? तो इसका भी उत्तर है- हां.'
'जब हमारे लक्ष्य बड़े होते हैं, तो हमें छोटे मुद्दों पर ध्यान नहीं देना चाहिए'
उन्होंने विपक्ष को सलाह देते हुए कहा, 'जब हमारे लक्ष्य बड़े होते हैं, तो हमें छोटे मुद्दों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. छोटे मुद्दों पर फोकस करने से बड़े मुद्दों से ध्यान हट जाता है.' राजनाथ सिंह ने विपक्ष को आईना दिखाते हुए कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी तो संसद में और बाहर उसका व्यवहार सरकार से सार्थक सवाल पूछने का रहा है, यह रवैया विपक्ष का भी होना चाहिए था. उन्होंने कहा, 'हमने भी एक लंबा समय विपक्ष में बिताया है, लेकिन तब हमने सरकारों से सार्थक सवाल पूछे.'
'हमने हथियारों या मशीनों की चिंता नहीं की, बल्कि सैनिकों की चिंता की'
वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध का उदाहरण देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, 'हमने तब पूछा कि हमारी धरती पर किसी और देश का कब्जा कैसे हो गया? हमारे सैनिकों की इतनी जानें कैसे गईं? हमने हथियारों या मशीनों की चिंता नहीं की, बल्कि सैनिकों की चिंता की.'
'अटल जी ने सदन में सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि पूरे नेतृत्व की सराहना की थी'
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र करते हुए कहा, 'जब हमने पाकिस्तान को सबक सिखाया था, तब अटल जी ने सदन में सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि पूरे नेतृत्व की सराहना की थी, जिसमें विपक्ष भी शामिल था.'
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राजनाथ सिंह ने विपक्ष के तर्कों पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'किसी भी परीक्षा में परिणाम मायने रखता है. हमें इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए कि परीक्षा के दौरान छात्र की पेंसिल टूटी थी या नहीं.' उन्होंने दोहराया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' एक सफल और निर्णायक अभियान था और विपक्ष को उसमें नकारात्मकता नहीं ढूंढनी चाहिए.
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