योगी बोले थे, ब्रह्मोस की ताकत पाकिस्तान से पूछें...लेकिन कौन बताएगा Brahmos 2 की पावर? भारत का ये दूसरा पार्ट कर देगा बुरा हाल
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योगी बोले थे, ब्रह्मोस की ताकत पाकिस्तान से पूछें...लेकिन कौन बताएगा Brahmos 2 की पावर? भारत का ये दूसरा पार्ट कर देगा बुरा हाल

What is BrahMos-II hypersonic missile: ब्रह्मोस एयरोस्पेस के तहत भारत और रूस के बीच एक संयुक्त वेंचर के रूप में विकसित किए जा रहे ब्रह्मोस-II को मैक 6 से मैक 8 की गति तक पहुंचने के लिए डिजाइन किया गया है. यह ध्वनि की गति से छह से आठ गुना अधिक की स्पीड से वार कर पाएगी.

योगी बोले थे, ब्रह्मोस की ताकत पाकिस्तान से पूछें...लेकिन कौन बताएगा Brahmos 2 की पावर? भारत का ये दूसरा पार्ट कर देगा बुरा हाल

About BrahMos-II Missile: पिछले महीने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ढांचे पर ब्रह्मोस के हमलों की सफलता के बाद भारत अपनी अगली पीढ़ी की हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस-II ( BrahMos-II) के विकास को तेजी से आगे बढ़ाने जा रहा है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने तब कहा था कि अगर ब्रह्मोस की ताकत जाननी है तो पाकिस्तान से पूछें. हालांकि, अब पार्ट 2 यानी ब्रह्मोस-II डबल पावर के साथ आ रही है

ब्रह्मोस-II के विकास का यह निर्णय देश के मिसाइल कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण छलांग है और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्वदेशी स्क्रैमजेट इंजन प्रौद्योगिकी में बेहतरीन प्रगति को दिखाता है.

ब्रह्मोस एयरोस्पेस के तहत भारत और रूस के बीच संयुक्त वेंचर के रूप में विकसित किए जा रहे ब्रह्मोस-II को मैक 6 से मैक 8 (Mach 8) की गति तक पहुंचने के लिए डिजाइन किया गया है. Mach 8 स्पीड हर इस मिसाइल को मिल गई तो यह ध्वनि की गति से आठ गुना अधिक होगी. इस मिसाइल की मारक क्षमता 1,500 किलोमीटर तक की है. 

मिसाइल को स्क्रैमजेट इंजन द्वारा चलाया जाएगा, जो वर्तमान ब्रह्मोस मिसाइल के रैमजेट प्रोप्लशन सिस्टम का अपग्रेड वर्जन है. ब्रह्मोस-II का डिजाइन रूस की 3M22 जिरकोन से मिलता है, जो स्क्रैमजेट-संचालित मिसाइल है जिसे पहले ही रूसी नौसेना में शामिल किया जा चुका है और जो मैक 9 की गति तक पहुंचने में सक्षम है.

2008 में सबसे पहले सामने आया ब्रह्मोस-II कार्यक्रम 
2008 में पहली बार घोषित ब्रह्मोस-II कार्यक्रम को कई बाधाओं का सामना करना पड़ा, जिसमें मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (MTCR) के तहत प्रतिबंध भी शामिल थे, जिसने शुरू में रूस को 300 किलोमीटर से अधिक रेंज वाली तकनीकें साझा करने से रोक दिया था. 2016 में भारत के MTCR में शामिल होने के बाद ये बाधाएं कम हो गईं. हालांकि, तकनीकी चुनौतियों और उच्च लागतों के कारण भी देरी हुई.

ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत क्या?
वर्तमान में ब्रह्मोस मिसाइल भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों विंग में शामिल है. यह दुनिया की सबसे तेज परिचालन सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो मैक 3.5 पर उड़ान भरती है और इसकी मारक क्षमता 290 से 800 किलोमीटर के बीच है. इस मिसाइल ने ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जहां इसने अपनी फायर-एंड-फॉरगेट क्षमता का उपयोग करके सभी लक्षित लक्ष्यों को सफलतापूर्वक बेअसर कर दिया था.

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