प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को लाल किले से देश को संबोधित करेंगे. इस बार उनके भाषण में कई बड़े ऐलानों की उम्मीद है. जनता से मिले सुझावों और पिछले भाषणों के आधार पर आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया, ग्रामीण विकास और युवा सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर जोर दिया जा सकता है.
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देश एक बार फिर आजादी का जश्न मनाने को तैयार है. 15 अगस्त 2025 को भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा. हर साल की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से देश को संबोधित करेंगे. लेकिन इस बार कुछ खास है क्योंकि प्रधानमंत्री ने पहली बार देशवासियों से खुद सुझाव मांगे हैं कि उन्हें इस ऐतिहासिक भाषण में क्या सुनना है. इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी इस बार कई बड़े एलान भी कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि इस बार स्वतंत्रता दिवस को मौके पर कौन से बड़े एलान किए जा सकते हैं.
पीएम मोदी ने जनता से मांगे सुझाव
1 अगस्त को पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर लिखा, 'मैं हर साल 15 अगस्त को लाल किले से देश को संबोधित करता हूं. मैं आप सभी से जानना चाहता हूं कि इस बार भाषण में आप क्या विषय देखना चाहते हैं. अपने सुझाव MyGov या NaMo App पर भेजें.' इसका मतलब ये है कि इस बार का भाषण सिर्फ सरकार की बात नहीं होगी, बल्कि देश की जनता की आवाज भी उसमें शामिल होगी.
पिछली घोषणाओं पर एक नजर
हर साल पीएम मोदी अपने भाषण में कुछ ना कुछ बड़े ऐलान जरूर करते हैं, जो देश की दिशा तय करते हैं. इनमें कुछ प्रमुख घोषणांए शामिल रही हैं:
- मेक इन इंडिया
- आत्मनिर्भर भारत
- डिजिटल इंडिया
- बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ
- स्वच्छ भारत मिशन
- उज्ज्वला योजना
इन योजनाओं के जरिए गांव, गरीब, महिलाओं और युवाओं को आगे लाने की कोशिश की गई है. इस बार भी ऐसे ही कुछ नए और जरूरी मुद्दों पर बात हो सकती है.
इस बार किन मुद्दों पर हो सकती है बात?
इस बार प्रधानमंत्री जिन विषयों पर बात कर सकते हैं, उनमें ये शामिल हो सकते हैं:
आत्मनिर्भर भारत और तकनीक: मोदी सरकार लंबे समय से देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है. इस बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन तकनीक और लोकल प्रोडक्ट्स पर जोर दिए जाने की उम्मीद है.
ग्रामीण विकास: प्रधानमंत्री SVAMITVA योजना के तहत गांवों में जमीन के डिजिटली नक्शे और प्रॉपर्टी कार्ड देने की बात दोहरा सकते हैं. जनवरी 2025 तक करीब 65 लाख कार्ड बांटे जा चुके हैं.
युवाओं की भागीदारी: जिस तरह से पीएम मोदी ने भाषण के लिए सुझाव मांगे हैं, उससे ये साफ है कि इस बार युवाओं, छात्रों और स्टार्टअप्स पर खास जोर रहेगा.
सुरक्षा और एकता: पिछले भाषणों की तरह इस बार भी रक्षा और सीमा सुरक्षा से जुड़े विषय उठ सकते हैं. 'आपरेशन सिंदूर' जैसे सफल मिशन का जिक्र होना संभव है.