इन दो मुस्लिम देशों में स्थायी कब्जा करने की तैयारी में नेतन्याहू? गाजा के बाद यहां बढ़ाई अपनी सीमाएं!
Advertisement
trendingNow12721103

इन दो मुस्लिम देशों में स्थायी कब्जा करने की तैयारी में नेतन्याहू? गाजा के बाद यहां बढ़ाई अपनी सीमाएं!

इजरायल गाजा के 50% इलाके में कब्जा कर चुका है. अब लेबनान और सीरिया में भी, बनाए गए सुरक्षा जोन में स्थायी कब्जे का प्लान बना रहा है. जंग की शुरूआत के बाद से ही, सीरिया और लेबनान की सीमाओं पर इजरायली सैनिक बड़ी संख्या में मौजूद हैं.

इन दो मुस्लिम देशों में स्थायी कब्जा करने की तैयारी में नेतन्याहू? गाजा के बाद यहां बढ़ाई अपनी सीमाएं!

इजरायल अब न केवल गाजा पर अपना कब्जा जमाना चाहता है, बल्कि अपने दो पड़ोसी देशों में भी स्थायी कब्जा जमाने की फिराक में है. एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज़ ने कहा है कि देश की सेना गाजा, लेबनान और सीरिया में बनाई गई ‘सुरक्षा ज़ोन’ में स्थायी रूप से बनी रहेगी. यह बयान ऐसे समय आया है जब इजरायल ने अक्टूबर 2023 में हमास के हमले के बाद बड़े सैन्य अभियान के तहत गाजा में अपनी सीमाओं का विस्तार किया. अब तक इजरायल गाजा के 50% से अधिक हिस्से पर नियंत्रण कर चुका है. लेबनान और सीरिया में भी इजरायली सेना सीमाओं के भीतर बनी हुई है. इन कार्रवाइयों पर लेबनान और सीरिया ने कड़ी आपत्ति जताई है, जबकि अमेरिका की नीति अब भी इजरायल समर्थक बनी हुई है.

  1. लेबनान और सीरिया में स्थायी कब्जे की योजना
  2. सुरक्षा जोन से पीछे नहीं हटेगी इजरायली सेना

लेबनान-सीरिया में सीमाएं बढ़ा रहा इजरायल

गाजा में सैन्य नियंत्रण के बाद अब इजरायल ने सीरिया और लेबनान की सीमाओं पर भी अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है. रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज़ ने बुधवार को स्पष्ट किया कि इजरायली सेना इन तीनों क्षेत्रों के 'सुरक्षा जोन' में बनी रहेगी, चाहे परिस्थिति अस्थायी हो या स्थायी. रिपोर्ट के मुताबिक, सीरिया में गोलान हाइट्स के पास के गांवों में इजरायली सेना की घुसपैठ और वहां रहने वाले लोगों से झड़पें इस विस्तार नीति की ताजा मिसाल हैं. वहीं, लेबनान में हिज़्बुल्लाह के साथ संघर्ष के बाद भी सेना पांच रणनीतिक स्थानों पर बनी हुई है.

रक्षा मंत्री ने कही स्थायी कब्ज़े की बात
इजरायल ने दावा किया है कि यह सुरक्षा ज़ोन दुश्मनों के हमलों से देश को बचाने के लिए ज़रूरी हैं. गाजा में 2023 के हमले के बाद इजरायल ने सीमाओं पर बफर ज़ोन बनाना शुरू किया और अब रफ़ा जैसे शहरों को घेरकर 50% से ज़्यादा गाजा पर नियंत्रण कर चुका है.

हालांकि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत इन कार्यवाहियों को सैन्य कब्ज़ा माना जा सकता है, लेकिन इजरायल इसे सुरक्षा नीति का हिस्सा बता रहा है. काट्ज़ ने अपने बयान में ज़ाहिर किया कि सेना इन इलाकों से पीछे नहीं हटेगी.

क्या है इसके पीछे की वजह?
इजरायल का कहना है कि 7 अक्टूबर 2023 के हमले जैसे हमलों से बचने के लिए उसे सीमाओं पर नियंत्रण बनाए रखना होगा. हमास द्वारा किए गए उस हमले में 1,139 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक बंधक बना लिए गए थे.

वहीं, जब इजरायल ने हमास पर पलटवार किया, तब लेबनान और सीरिया दोनों ओर से इजरायल को घेरा गया. ऐसे में माना जा रहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए इजरायल पीछे नहीं हटने वाला है. इजरायल पहले से ही वेस्ट बैंक के बड़े भूभाग में अपना कंट्रोल बनाए रखा है. वहीं गाजा, वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम पर लंबे समय से चल रहे कब्जे और बस्तियों के निर्माण की नीति, इजरायल की क्षेत्रीय रणनीति की तस्वीर स्पष्ट कर दी है. 

अमेरिकी नीति का क्या असर?
अभी तक काट्ज़ के बयान पर, अमेरिका की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन राष्ट्रपति ट्रम्प की ओर से पूरा समर्थन माना जा रहा है. क्योंकि जब 18 मार्च को सीजफायर टूटा, तब इजरायल ने सबसे पहले ट्रंप को ही सूचना दी थी. रिपोर्ट के मुताबिक, गोलान हाइट्स की इजरायली कब्जे को मान्यता देने वाला अमेरिका एकमात्र देश है.

बता दें, ट्रम्प प्रशासन ने गाजा को भविष्य में अमेरिका द्वारा कंट्रोल किए जाने और फिलीस्तीनियों के पुनर्वास जैसे प्रस्ताव भी दिए हैं. जिसके समर्थन में इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने 'स्वैच्छिक पलायन' की योजना को लागू करने की बात कही है, जिससे इन क्षेत्रों का स्थायी कब्जा सुनिश्चित हो सकता है.

ये भी पढ़ें- गाजा में कहर बनकर टूटे नेतन्याहू! इजरायली हमलों से 29 फिलीस्तीनी नागरिकों की मौत, आंकड़ा 51,000 के पार

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप

Trending news

;