Pakistan Experts on Brahmos Missile: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिये पाकिस्तान को धूल चटाई थी. पाक ने भले ही दुनिया के सामने कहा हो कि हमारी जीत हुई, लेकिन अब पाकिस्तानी एक्सपर्ट्स ही अपनी मिलिट्री की पोल खोलने में लगे हुए हैं. पाक एक्सपर्ट्स ने माना है कि उनके पास भारत से निपटने के लिए पर्याप्त हथियार नहीं थे.
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Pakistan Experts on Brahmos Missile: भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुए संघर्ष के बाद एक्सपर्ट्स की लगातार टिप्पणियां आ रही हैं. इस संघर्ष में बड़बोले पाकिस्तान ने खुद की जीत बताई थी, लेकिन दुनियाभर के विश्लेषकों ने उसकी पोल खोलकर रख दी. अब तो खुद पाक के एक्सपर्ट्स भी मान रहे हैं की भारतीय वायुसेना के सामने पाकिस्तान की वायुसेना कमजोर साबित हुई.
पाक एक्सपर्ट्स ने क्या माना?
पाकिस्तान के एक्सपर्ट्स ने माना है कि भारत का हमला इसलिए सफल हुआ, क्योंकि पाक के एयर डिफेंस सिस्टम में कमियां थीं, रिसोर्सेज भी लिमिटेड थे. आईडीआरडब्ल्यू की रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तानी विश्लेषकों के अनुसार, पाकिस्तान की वायुसेना ने पर्याप्त संख्या में चीनी HQ-9B मिसाइल सिस्टम नहीं खरीदे, जो 250-300 किमी की रेंज में हवाई हमलों को रोक सकता है.
पाक के पास HQ-9B की संख्या कम थी
पाक विशेषज्ञों का कहना है कि HQ-9B की लिमिटेड यूनिट्स पूरे पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र को कवर करने के लिए नाकाफी थी. इसके चलते भारतीय मिसाइलें, खासकर धीमी गति की स्कैल्प-EG आसानी से लक्ष्य तक पहुंच गईं. इससे पाक को भारी नुकसान झेलना पड़ा था.
ब्रह्मोस की ताकत को पहचान गया पाक
पाकिस्तानी अधिकारियों ने माना कि HQ-9B का रडार ब्रह्मोस की गति और दिशा को ट्रैक नहीं कर पाया. रावलपिंडी के नूर खान अड्डे पर ब्रह्मोस ने एक C-130 हरक्यूलिस विमान और अन्य ढांचे को नष्ट कर दिया. यही कारण है कि पाक के एक्सपर्ट्स भी इस मिसाइल को विनाशकारी मानते हैं. भारतीय वायुसेना ने सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया, जो 2.8-3.0 मैक की गति से चलती है. इसकी तेज गति और नीची उड़ान के कारण पाकिस्तानी रक्षा प्रणाली को इसे रोकने के लिए सिर्फ 30-45 सेकंड का समय मिला, जिसमें वे असफल रहे.
पाकिस्तान यहां खा गया मात
पाकिस्तान ने चीनी HQ-9B और HQ-16 सिस्टम के साथ-साथ इटली के MBDA स्पाडा 2000 प्लस सिस्टम भी खरीदे थे. लेकिन इनके बीच तालमेल की कमी थी. स्पाडा की रेंज 25 किमी है, लेकिन यह चीनी सिस्टम के साथ ठीक से काम नहीं कर पाया. इस वजह से भारतीय राफेल विमानों ने स्कैल्प-EG मिसाइलों के साथ सरगोधा और रफीकी जैसे अड्डों पर आसानी से हमला किया.