US NSA Fired: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने NSA डायरेक्टर को उनके पद से हटा दिया है. साथ ही सिविल डिप्टी को भी बर्खास्त कर दिया है. ट्रंप के इस फैसले को उनकी वफादारी से जोड़ा जा रहा है. वहीं कांग्रेस ने अनुभव और योग्यता को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए नाराजगी जाहिर की है.
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US NSA Fired: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (NSA) के डायरेक्टर एयरफोर्स जनरल टिम हॉ (Tim Haugh) को पद से हटा दिया है. उनके साथ सिविल डिप्टी वेंडी नोबल (Wendy Noble) को भी बर्खास्त किया गया है. व्हाइट हाउस और पेंटागन ने इस फैसले की कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई है. कांग्रेस सांसदों और राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों ने इस कदम की आलोचना करते हुए इसे देश की साइबर सुरक्षा के लिए खतरनाक बताया है. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब अमेरिका को बड़े साइबर खतरों का सामना करना पड़ रहा है.
ट्रंप ने NSA को पद से हटाया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (NSA) और साइबर कमांड के डायरेक्टर एयरफोर्स जनरल टिम हॉ को अचानक पद से हटा दिया. इसके साथ ही NSA की डिप्टी वेंडी नोबल को भी बर्खास्त कर दिया गया. दोनों को हटाने की सूचना वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को बिना किसी पूर्व जानकारी के दी गई.
वहीं, व्हाइट हाउस और रक्षा विभाग ने इस फैसले पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है. उन्होंने केवल इतना कहा कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सूचना दे दी गई है.
NSA की बाइडेन के प्रति वफादारी?
ट्रंप की बर्खास्तगी के फैसले के पीछे की वजह, NSA हॉ की बाइडेन के प्रति वफादारी बताई गई. जिसको लेकर धुर-दक्षिणपंथी एक्टिविस्ट लौरा लूमर ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि उन्होंने ट्रंप से NSA प्रमुख की वफादारी पर सवाल उठाए थे. लूमर ने आरोप लगाया कि हॉग की वाफादारी राष्ट्रपति ट्रंप के बजाय बाइडेन प्रशासन और जनरल मार्क मिले जैसे नेताओं के प्रति अधिक थी.
लूमर ने लिखा, ‘हम दुनिया की सबसे शक्तिशाली खुफिया एजेंसी को एक बाइडेन नामित व्यक्ति के हाथ में नहीं छोड़ सकते.’ रिपोर्ट के मुताबिक, लूमर ने बुधवार को ओवल ऑफिस में ट्रंप से मुलाकात कर स्टाफ की वफादारी पर चर्चा की थी.
काम नहीं करने वाले को हटाया- ट्रंप
ट्रंप ने जबसे सत्ता संभाला है, तभी से काम करने की वकालत कर रहे हैं. सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) के प्रमुख एलन मस्क भी इस बात को बार-बार दोहाराते हैं.
वहीं राष्ट्रपति ट्रंप ने NSA या टिमोथी हॉग के नाम का ज़िक्र किए बिना कहा, ‘हम हमेशा ऐसे लोगों को हटा रहे हैं, जो काम नहीं कर सकते या जिनकी वफादारी संदिग्ध है.’ यह बयान उन्होंने एयरफोर्स वन में मियामी जाते समय पत्रकारों से बातचीत में दिया.
ट्रंप के फैसले पर उठे सवाल
इस बर्खास्तगी को लेकर कांग्रेस में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली. डेमोक्रेट सांसद जैक रीड ने कहा, ‘ट्रंप ने हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से अनुभव को हटाकर चीन, रूस, ईरान और उत्तर कोरिया को एक अनमोल तोहफा दे दिया है.’
उन्होंने आगे कहा कि ट्रंप द्वारा सैन्य अधिकारियों को वफादारी के आधार पर हटाना, सेना में डर का माहौल बना रहा है. जिससे भविष्य में स्वतंत्र रूप से सैन्य सलाह देना मुश्किल हो जाएगा.
वहीं सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी के उपाध्यक्ष मार्क वॉर्नर ने भी सवाल उठाते हुआ कहा, ‘जब अमेरिका अभूतपूर्व साइबर खतरों का सामना कर रहा है, तब जनरल हॉ को हटाने से सुरक्षा कैसे मजबूत होगी?’ इस फैसले को लेकर ये भी सवाल उठ रहे हैं कि NSA और साइबर कमांड की अगली जगह कौन लेगा. क्या उसकी योग्यता के आधार पर नियुक्ति होगी, या ट्रंप के प्रति वफादारी देखी जाएगी.
अनुभवी जनरल की बर्खास्तगी से नाराज कांग्रेस
जनरल टिम हॉ ने खुफिया और साइबर ऑपरेशन में 33 वर्षों की सेवा दी है. वे 2023 से NSA और साइबर कमांड दोनों का लीड कर रहे थे. उनकी अचानक बर्खास्तगी से कांग्रेस के मेंबर्स ने नाराजगी जाहिर की है.
कई सांसदों ने इस कदम को ‘राजनीतिक वफादारी की परीक्षा’ बताया. उनका कहना है कि ट्रंप प्रशासन सैन्य नेताओं के अनुभव और योग्यता को नजरअंदाज कर रहा है. और उनके स्वतंत्र विचारों के लिए सजा दे रहा है.
NSA और साइबर कमांड की अहमियत
NSA अमेरिका की सबसे शक्तिशाली खुफिया एजेंसियों में से एक है, जो दुनियाभर में डेटा एकत्र करके सेना और सुरक्षा एजेंसियों को सहयोग देती है. वहीं, साइबर कमांड अमेरिका की साइबर सुरक्षा की पहली रक्षा पंक्ति मानी जाती है, जो साइबर हमलों की प्लानिंग और जवाबी कार्रवाई में सक्रिय भूमिका निभाती है.
जनरल हॉ और एलन मस्क के बीच हाल ही में हुई एक मुलाकात के दौरान साइबर नीति पर चर्चा हुई थी. NSA ने इस बैठक को ‘प्राथमिकताओं को लेकर समन्वय स्थापित करना’ बताया था.
ऐसे में, ट्रंप के इस फैसले को उनकी वफादारी से जोड़ा जा रहा है. जो ट्रंप के प्रति वफादार नहीं रहेंगे, वे पद से हटाए जाएंगे. भले ही उनकी योग्यता अधिक क्यों न हो.
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