Iran-Israel War Impact on India: भारत से ईरान की दूरी 2,826 km की हैं और इजरायल की दूरी 4,532 km. हजारों किलोमीटर दूर इन दोनों देशों के बीच जंग जारी है. ईरान और इजराय्ल एक दूसरे को खत्म करने पर तूले हैं. एक दूसरे पर गोली, बम, बारूद बरसा रहे हैं. इस जंग की चिंगारी भारत और आपकी रसोई तक पहुंच सकती है.
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Iran-Israel War : भारत से ईरान की दूरी 2,826 km की हैं और इजरायल की दूरी 4,532 km. हजारों किलोमीटर दूर इन दोनों देशों के बीच जंग जारी है. ईरान और इजराय्ल एक दूसरे को खत्म करने पर तूले हैं. एक दूसरे पर गोली, बम, बारूद बरसा रहे हैं. इस जंग की चिंगारी भारत और आपकी रसोई तक पहुंच सकती है. दरअसल मिडिल ईस्ट के बढ़ते तनाव के बीच इज़राइल ने ईरान के साउथ पार्स गैस फील्ड पर हमला कर उसे उड़ा दिया. इस जंग की भले ही धमाका आपके घरों से हजारों किलोमीटर दूर हुआ है, लेकिन इसका असर आपके चूल्हे पर दिखा सकता है.
ईरान-इजरायल जंग की आग आपकी रसोई तक
ईरान और इजरायल के बीच जंग जारी है. इजरायल ने बमबारी करते हुए ईरान के साउथ पार्स गैस फिल्ड को उड़ा दिया. ये गैस फील्ड दुनियाभर के देशों के लिए गैस सप्लाई करता है. साउथ पार्स गैल फील्ड दुनिया का सबसे बड़ा नेचुरल गैस सप्लायर है. ये ईरान और कतर की साझा सीमा पर स्थित है. इजराय के हमले के बाद यहां से गैस सप्लाई रोक दी गई है. सप्लाई रोकने के मतलब है कई देशों में नेचुरल गैस की आपूर्ति रुकना, ग्लोबल ऊर्जा बाजार में अस्थिरता आना. इसका असर कई देशों पर मिलेगी, जिसमें भारत भी शामिल है.
ईरान-इजरायल युद्ध का भारत पर असर
भारत में तेल से लेकर गैस तक की सप्लाई आयात पर निर्भर है. भारत अलग-अलग देशों से तेल और गैस खरीदता है. कतर भारत का प्रमुख गैस आपूर्तिकर्ता है. अब साउथ पार्स में गैस सप्लाई बंद होने से सप्लाई चेन पर संकट मंडराने लगा है. हालांकि मौजूदा दौर में भारत सीधे तौर पर इस क्षेत्र से गैस नहीं खरीद रहा है, लेकिन असर पड़ेगा, क्योंकि साउथ पार्श से गैस को लिक्विड नेचुरल गैस में बदलकर दूसरे देशों को बेचा जाता है. चूंकि भारत कतर से LNG गैस खरीदता है और कतर साउथ पार्श फील्ड से ही गैस लेकर उसे अलग-अलग देशों को बेचता है, इसलिए अप्रत्यक्ष तौर पर भारत भी इससे प्रभावित होगा.
बढ़ सकते हैं दाम
सप्लाई चेन में बाधा आने पर गैस की आपूर्ति बाधित हो सकती है. गैस के दाम बढ़ सकते हैं. सिर्फ गैस के दाम ही नहीं अगर युद्ध इसी तरह से जारी रहा तो आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमत भी बढ़ेगी. ईरान पर हमले के बाद शुक्रवार को तेल की कीमतों में 14 प्रतिशत बढ़ गए. कच्चे तेल की कीमत में अब तक 20 फीसदी का उछाल आ चुका है. युद्ध की स्थिति ऐसी ही बनी रही तो कच्चे तेल के दाम इसी तरह से बढ़ते रहेंगे. 75 डॉलर पर पहुंच चुके क्रूड ऑयल के दाम के दवाब को भारत बहत दिन तक नहीं रोक पाएगा. यानी आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ सकती है.
महंगाई की मार
ग्लोबल एजेंसी जेपी मॉर्गन ने चेतावनी दी है कि ईरान पर हमले से तेल की कीमतें 120 डॉलर तक जा सकती हैं. यानी अब आप महंगाई का अंदाजा खुद लगा सकते हैं. तेल की कीमतें बढ़ने से दुनिया भर में महंगाई बढ़ने का खतरा है. तेल के दाम बढ़ने का सीधा असर, दाल से लेकर सब्जी तक, दूध से लेकर सफर तक सबपर होगा, क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन का खर्च बढ़ जाएगा. ईरान और इज़रायल के बीच बढ़ते तनाव का असर मिठाई और मेवे की कीमतें पर पड़ सकता है. ईरान-इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष से वैश्विक सप्लाई चेन प्रभावित हो रही है, जिसका सीधा असर ड्राई फ्रूट्स की कीमतों पर देखने को मिल सकता है.