Chinese University Expels Woman for ‘Improper Contact’ With a Foreigner: चीन में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एक यूनिवर्सिटी ने अपनी छात्रा को सिर्फ इसलिए निकाल दिया क्योंकि उसका एक विदेशी लड़के के साथ 'इलू-इलू' चल रहा था. जानें पूरी खबर.
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Chinese University Expels Woman: चीन में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बाद हर कोई हैरान है. इस मामले के बाद सब सोच में पड़े हैं कि एक छात्रा जो किसी विदेशी से बात कर लें तो उसे इतनी बड़ा सजा क्यों. अब इस मामले पर खूब हंगामा मचा है. हद तो तब हो गई जब एक चीनी विश्वविद्यालय ने कहा कि वह एक छात्रा को निष्कासित करेगा क्योंकि उसने 'एक विदेशी के साथ अनुचित संपर्क' किया था और जिसके बाद "राष्ट्रीय गरिमा को ठेस पहुंचाई थी", अब आप सोचिए कि चीन में क्या हाल है. किसी विदेशी से रिश्ता रखने पर लड़की को निकाला जा रहा. जानें अंदर की पूरी कहानी.
चीन में अनोखा मामला
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एक यूनिवर्सिटी ने अपनी छात्रा को सिर्फ इसलिए निकाल दिया क्योंकि उसका एक विदेशी लड़के के साथ 'इलू-इलू' चल रहा था. डालियान पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी ने कहा कि इस लड़की के व्यवहार से 'राष्ट्रीय सम्मान' को ठेस पहुंची. बस फिर क्या, यूनिवर्सिटी ने उसका पूरा नाम अपनी वेबसाइट पर डालकर उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया. ये खबर जंगल की आग की तरह फैली और पूरे चीन में हंगामा मच गया.
वीडियो सामने आते ही मचा बवाल
मामला तब शुरू हुआ जब एक यूक्रेनी वीडियो गेमर, जिसे लोग ऑनलाइन 'ज़ीउस' के नाम से जानते हैं उसने इस चीनी छात्रा के साथ अपनी कुछ वीडियो शेयर कीं. इन वीडियो में दोनों को थोड़ा करीब दिखाया गया था. यूनिवर्सिटी को ये बात पसंद नहीं आई. उसने 16 दिसंबर को हुई एक घटना का हवाला देते हुए कहा कि लड़की ने 'नागरिक नैतिकता' के नियम तोड़े, जिसके तहत विदेशियों से 'अनुचित संपर्क' करने पर सजा दी जा सकती है.
लेकिन ये अनुचित संपर्क था क्या?
यूनिवर्सिटी ने इसकी कोई डिटेल नहीं दी, बस लड़की को निकाल दिया.इसके बाद सोशल मीडिया पर तूफान आ गया. कुछ लोग यूनिवर्सिटी के साथ खड़े हैं. उनका कहना है कि चीनी लड़कियां विदेशियों के पीछे ज्यादा भाग रही हैं, जो देश के लिए ठीक नहीं. लेकिन ज्यादातर लोग इसे गलत बता रहे हैं. उनका कहना है कि ये पूरा मामला लैंगिक भेदभाव से भरा है. बीजिंग की पेकिंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर झाओ होंग ने तो इसे 'पुरानी सोच' करार दिया. उन्होंने लिखा, "राष्ट्रीय सम्मान को असली नुकसान उस लड़की ने नहीं, बल्कि उन लोगों ने पहुंचाया, जिन्होंने उसे ऑनलाइन बदनाम किया और यूनिवर्सिटी ने, जिसने उसकी निजता का मजाक बनाया."
लोंगों ने उठाया सवाल
लोगों ने ये भी सवाल उठाया कि यूनिवर्सिटी में बलात्कार या यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर मामलों में कई बार इतनी सख्ती नहीं दिखाई जाती, जितनी इस लड़की के साथ की गई. कुछ ने कहा कि यूनिवर्सिटी ने लड़की का नाम सार्वजनिक करके उसकी प्राइवेसी को तार-तार कर दिया. अब ये मामला सिर्फ एक यूनिवर्सिटी तक सीमित नहीं रहा. ये पूरे चीन में लैंगिक समानता, निजता और आजादी जैसे मुद्दों पर बहस का हिस्सा बन गया है.
क्या छात्रा को निकाल दिया जाएगा?
कोई कह रहा है कि ये सजा जरूरी थी, तो कोई इसे औरतों पर अत्याचार बता रहा है.सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं. कुछ का मानना है कि ये सब 'राष्ट्रीय गर्व' के नाम पर हो रहा है, तो कुछ इसे पुरुषवादी सोच का नतीजा मानते हैं. अब देखना ये है कि इस मामले में आगे क्या होता है. क्या यूनिवर्सिटी अपने फैसले पर अड़ेगी, या इस हंगामे के बाद कोई नया मोड़ आएगा?