NCERT New Syllabus on Mughals: देश के जिस सच को वामपंथियों और कट्टरपंथियों ने अब तक छिपाकर रखा था, वह अब पूरी दुनिया के सामने आने वाला है. दुनिया को पता चलने वाला है कि 600 साल तक भारत कौ रौदने वाले इस्लामी हमलावर कोई मसीहा नहीं बल्कि क्रूर दरिंदे थे, जिन्होंने लाखों हिंदुओं को बेदर्दी से मारा.
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NCERT New Lessons on Mughals: अब देश के लोग असल इतिहास पढ़ेंगे. वह इतिहास, जिसे सत्ता में रहे वामपंथियों और कट्टरपंथियों ने अपने प्रभाव से अब तक दबा कर रखा था. NCERT की कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान की नई किताब में ये नए बदलाव किए गए हैं. यह किताब अब स्कूलों में पढ़ाई जाएगी. आपने भी इतिहास पढ़ा है. बुजुर्गों ने भी इतिहास पढ़ा है और बच्चों को इतिहास पढ़ना है. लेकिन आपने जो इतिहास पढ़ा है. लेकिन अब बच्चे जो इतिहास पढ़ेंगे. उसमें बहुत बड़ा बदलाव है.क्योंकि अब इतिहास बदल गया है. ये वो इतिहास है..जो हमें पढ़ने नहीं दिया गया. जो हमसे छिपाकर रखा गया. इसलिए बेहतर होगा कि हम इसे बदला हुआ इतिहास की जगह करेक्ट किया हुआ इतिहास कहें. ऐसा इतिहास जिसमें अर्धसत्य नहीं संपूर्ण सत्य हो.
क्या वाकई महान था अकबर?
आपने इतिहास में क्या पढ़ा था. यही ना..कि अकबर महान था. अकबर के लिए हिंदू-मुस्लिम सब एक समान थे. वो प्रजा में भेदभाव नहीं करता था. लेकिन इतिहास का ये पन्ना..अशरफी और जवाहरात लेकर बिके दरबारियों का प्रोपेगेंडा था. सच ये है कि अकबर महान नहीं. 30 हजार भारतीयों की हत्या करने वाला हैवान था. सच ये है कि अकबर हिंदुस्तानियों का प्यारा नहीं था..वो हत्यारा था. आपने ये भी पढ़ा होगा कि बाबर तो कला प्रेमी था, साहित्य प्रेमी था..लेकिन नहीं..बाबर बर्बर था. बाबर क्रूर था.
प्रसिद्ध यूनानी विद्वान हेरोडोटस ने कहा है कि इतिहास मानव उपलब्धियों का वह अभिलेख है, जिसे भावी पीढ़ियों के लिए संजोकर रखा जाना चाहिए. DNA मित्रों, हेरोडोटस को इतिहास का जनक कहा जाता है. अंग्रेजी दार्शनिक और इतिहासकार आर.जी. कॉलिंगवुड ने कहा है कि संपूर्ण इतिहास विचारधारा का इतिहास होता है
हमने इतिहास की परिभाषा बतानेवाली ये भूमिका सिर्फ इसलिए तैयार की ताकि आज जिस विषय का हम विश्लेषण कर रहे हैं..आपको उसकी गंभीरता का अंदाजा हो सके.
क्रूर और हत्यारा था बाबर
DNA मित्रों, अब तक हम यही पढ़ते आए हैं कि मुगल महान थे. मुगलों के शासनकाल में भारत विकसित था. इतिहास की पुरानी किताबों में मुगलों की क्रूरता से ज्यादा उनकी महानता की कहानियां थीं..लेकिन NCERT की नई किताब बताती है कि मुगल क्रूर थे. इस नई किताब के पेज नंबर 36 पर बाबर के बारे में लिखा गया है. यहां बताया गया है कि कैसे बाबर को समरकंद से निकाला गया..कैसे उसने पहली बार तोप का इस्तेमाल कर इब्राहिम लोदी को हराया और भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना की.
अब तक बाबर की आत्मकथा बाबरनामा के संदर्भ से बाबर को कला प्रेमी, साहित्य प्रेमी बताया जाता रहा है. लेकिन इस नई किताब के पेज नंबर 37 पर बताया गया है कि कैसे बाबर ने शत्रुओं का राज्य जीतने के बाद वहां के लोगों का कत्लेआम कराया. महिलाओं और बच्चों को गुलाम बनाया. किताब में बताया गया है कि कैसे बाबर ने जीत के बाद..मारे गए लोगों के नरमुंड काटकर उनका मीनार बनवाया और जीत का जश्न मनाया.
सोचिए बाबरनामा के हवाले से अब तक हमें यही पढ़ाया जाता था कि बाबर साहित्यप्रेमी और नरम दिल था. लेकिन बाबर की नरमदिली की कल्पना किजिए जो लोगों की हत्या कराने के बाद उनके नरमुंडों की मीनार बनवाता था. इस सच को इतिहास की किताबों से गायब किया गया था. इतिहास लिखने वालों ने इस सच को छिपा लिया और वही लिखा..जो मुगल प्रेमी क्लब को पसंद था.
अकबर ने 30 हजार लोगों की करवाई हत्या
सोचिए अब तक ये बताया जाता था कि बाबर महान योद्धा था..लेकिन ये सच छिपा दिया गया कि बाबर ने महिलाओं और बच्चों को गुलाम बनाया था. ये तो बताया जाता था कि बाबर उदार था..लेकिन ये सच छिपा दिया गया कि बाबर ने निर्दोष लोगों के कत्ल के बाद उनके नरमुंड से मीनार बनवाई और उस मीनार के सामने जश्न मनाया.
DNA मित्रों, आपने अब तक अकबर के बारे में यही पढ़ा होगा कि अकबर महान था. उसने जजिया कर हटाया. हिंदुओं को अपने दरबार, अपनी सेना और प्रशासन में बड़े-बड़े पद दिए. बड़ी चालाकी से इतिहास की किताबों में तथ्यों को आधे-अधूरे तरीके से पेश किया गया.
नई किताब के पेज नंबर 38 में बताया गया है कि कैसे वर्ष 1568 में चित्तौड़ के किले की घेराबंदी के दौरान अकबर ने 30 हजार नागरिकों की हत्या की थी. DNA मित्रों ध्यान से सुनिए 30 हजार नागरिकों की हत्या कराई गई थी. और ये नरसंहार.. उसी अकबर ने कराया था जिसे हम अब तक महान समझते रहे. जिन्हें इतिहासकारों ने महान बताया.
सोचिए क्या कोई महान शासक निर्दोष नागरिकों की हत्या कराएगा. सिर्फ इतना ही नहीं बचे हुए महिलाओं और बच्चों को गुलाम बनाया गया था. अकबर के बारे में ये तथ्य यकीनन अब तक आपने इतिहास में नहीं पढ़ा होगा. सोचिए, कितनी चालाकी से इतिहास की किताबों में तथ्यों को आधे-अधूरे तरीके से पेश किया जाता रहा.
भारत से मंदिर नष्ट करने के लिए चलाया अभियान
नई किताब के पेज नंबर 38 पर ही अकबर के बारे में ये जानकारी भी दी गई है कि युद्ध में जीत के बाद अकबर ने चिट्ठी लिखी. इस चिट्ठी में क्या लिखा था, अब आप इसे सुनिए और उसके बाद हम फिर अकबर की तथाकथित महानता पर चर्चा करेंगे.
युद्ध जीतने के बाद अकबर ने लिखा कि हमने काफिरों के कई किले और नगर जीत लिए और वहां इस्लाम की स्थापना कर दी. अपनी तलवार से हमने उनके मन से अधर्म के निशान मिटा दिए और उन स्थानों और पूरे हिन्दुस्तान के मंदिरों को भी नष्ट कर दिया. सोचिए, ये सच आपको इतिहास की किताबों में इससे पहले कभी पढ़ाया गया था?
आज तक हमें यही पढ़ाया गया था कि अकबर ने जजिया कर को खत्म किया लेकिन ये छिपाया गया कि अकबर ने बहुसंख्यक आबादी यानी हिंदुओं को काफिर कहा.
ये बताया गया कि अकबर ने उदारता से हिंदुओं को अपने दरबार और सेना में ऊंचा ओहदा दिया. बड़े-बड़े पद दिये. अकबर के नौ रत्नों में हिंदू भी शामिल थे..और इसलिए अकबर को महान बता दिया गया..द ग्रेट अकबर. लेकिन ये छिपाया गया अकबर ने कितने निर्दोष हिंदुओं की हत्या की थी.
गुणगान करने के लिए नियुक्त किए दरबारी
इतिहास की किताबों में अकबर को उदार और सहिष्णु बताया गया लेकिन ये छिपाया गया कि अकबर ने कई मंदिर तोड़े. उसने हिंदुओं के धर्म स्थल को मिटाने की कोशिश की.
इतिहास की किताबों में अब तक हमें यही क्यों पढ़ाया जाता रहा.. इसकी वजह भी समझिए. नई किताब के पेज नंबर 41 पर बताया गया है कि अकबर ने फतेहपुर सिकरी में एक अनुवाद केंद्र बनाया. अकबर ने अपने दरबार में बुद्धिजीवी और लेखकों की नियुक्ति की थी. उनमें से एक अब्दुल फजल भी था. उसने अकबर की जीवनी लिखी.
मित्रों सोचिए अकबर ने एक तरफ हथियार वाली सेना तैयार की थी तो दूसरी तरफ अशर्फियों के दम पर दिमाग वाली सेना भी तैयार की थी. बिल्कुल आज के प्रोपेगैंडा गैंग की तरह. इसी दिमाग वाली सेना ने अकबर को महान बताने वाली किताब लिखी और तथ्य बताए. उन्हीं तथ्यों को सच मानकर खास विचराधारा वाले इतिहासकारों ने अकबर को महान बताया और हमें यही पढ़ाया जाता रहा.
NCERT की नई किताब में पेज नंबर 42 पर औरंगजेब के बारे में बताया गया है. यहां ये तथ्य है कि कैसे औरगंजेब ने अपने भाई दारा शिकोह की हत्या की. ये तथ्य आज हम सभी जानते हैं.
दक्षिण के राज्यों के बारे में नहीं बताया गया
किताब में पेज नंबर 44 पर विस्तार से बताया गया है कि औरंगजेब ने कैसे बनारस, मथुरा, सोमनाथ जैसे शहरों में मंदिरों को ध्वस्त कराया. सिर्फ हिंदू ही नहीं जैन मंदिर और सिख गुरुद्वारों को भी औरगंजेब ने तुड़वा दिए. इतना ही नहीं वर्ष 1669 में उसने स्कूलों और मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया था.
अब तक इतिहास में ये पढ़ाया जाता रहा है कि औरंगजेब ने उत्तर से दक्षिण तक मजबूत मुगल साम्राज्य बनाया. उसके शासन में भारत में शांति थी. DNA मित्रों सोचिए जिस शासक के राज्य में बहुसंख्यकों के पूजा स्थलों को तोड़ा जाता है. उनके स्कूल ध्वस्त किए जाते हैं क्या उस शासक को महान कहा जा सकता है. लेकिन वही खास विचारधारा वाले इतिहासकारों ने इतिहास की किताबों में औरंगजेब की मजबूत शासन वाली छवि को ही प्रस्तुत किया और हमें यही पढ़ाता जाता रहा.
DNA मित्रों NCERT की नई पुस्तक में पेज नंबर 29 पर बताया गया है कि कैसे तेलुगु मुसुनुरी नायकों ने राज्यों का संघ बनाकर मुहम्मद बिन तुगलक की मजबूत सेना को हराया और उसे वारगंल से बाहर किया. सोचिए इन नायकों की संगठन क्षमता कैसी रही होगी कि उन्होंने 75 छोटे राज्यों को तुगलक के खिलाफ एकजुट किया. क्या इनकी संगठन क्षमता पर इतिहास में विस्तार से नहीं पढ़ाया जाना चाहिए था.
कुंभलगढ़ किले के बारे में नहीं दी गई जानकारी
मित्रों आज तक मध्यकाल के वास्तुकला के नाम पर कुतुब मीनार, लालकिला और ताजमहल के बारे में ही जानकारी दी जाती है. इस पुस्तक के पेज नंबर 31 पर कुंभलगढ़ के किले की जानकारी दी गई है. विस्तार से बताया गया है ये किला कितना मजबूत है और इसकी सुरक्षा के लिए 36 किलोमीटर लंबी दीवार बनाई गई है. क्या भारतीय स्थापत्य कला के इस प्रतीक के बारे में हमें विस्तार से नहीं बताया जाना चाहिए था.
सोचिए, इतिहास की किताबों में कुतुब मीनार और ताजमहल की तस्वीरें दिखा-दिखाकर हमें ये बताने की कोशिश होती रही कि मुगल कितने क्रिएटिव थे. मुगल..भवन निर्माण में कितने कुशल थे. लेकिन क्या आपको कुंभलगढ़ के किले के बारे में कभी पढ़ाया गया. उसकी तस्वीर दिखाई गई? नहीं दिखाई गई. क्यों, क्योंकि उन्हें कुतुबमीनार को ऊंचा दिखाना था. उन्हें ताजमहल को दुनिया के सात अजूबे में शामिल कराना था. अगर वो कुंभलगढ़ का किला..या सोमनाथ मंदिर या अक्षरधाम मंदिर दिखा देते तो मुगल प्रेमी क्लब बुरा मान जाता. उनके नैरेटिव को ये शूट नहीं करता.
पुस्तक में पेज नंबर 31 पर ही विजयनगर साम्राज्य की जानकारी भी दी गई है. सोचिए मध्यकाल के इतिहास के नाम पर आमतौर पर दिल्ली सल्तनत के बारे में ही पढ़ाया जाता रहा है. मुस्लिम शासकों की सैन्य उपलब्धियों की चर्चा होती रही है. लेकिन 14वीं सदी का विजयनगर साम्राज्य कितना समृद्ध था उसकी जानकारी इस किताब में दी गई है.
छिपा दी गईं विजयनगर साम्राज्य की उपलब्धियां
16वीं सदी में कृष्णदेव राय के राज्य में दक्षिण का विजयनगर साम्राज्य कितना समृद्ध और उन्नत था ये तथ्य NCERT की किताब में विस्तार से बताया गया है. किताब में बताया गया है कि विजय नगर साम्राज्य सिर्फ सैन्य तौर पर ही मजबूत नहीं था. यह सांस्कृतिक तौर पर भी समृद्ध था. राजा कृष्षदेव राय ने कैसे शासन के उच्च मानदंड बनाए और प्रजा की समृद्धि के लिए दूरदर्शी नितियां बनाईं ये जानकारी भी नई किताब में हैं.
मित्रों सोचिए अब तक हमें समृद्धि के नाम पर सिर्फ दिल्ली के मुस्लिम शासकों की कहानियां पढ़ाई और सुनाई जाती थी. लेकिन उसी दौरान दक्षिण में कितने समृद्ध राज्य थे और दिल्ली से भी समृद्ध और प्रजा हितैषी शासन था.. इसकी जानकारी कभी विस्तार से इतिहास में नहीं दी गई
मित्रों यहां हम आपको विशेष तौर पर इस किताब के पेज नबंर 35 में दर्ज तथ्यों के बारे में बताना चाहेंगे. पेज नंबर 35 पर बताया गया है कि पुर्तगाल से आए व्यापारियों ने विजयनगर साम्राज्य के बारे में क्या लिखा. इन व्यापारियों ने लिखा है कि विजयनगर साम्राज्य रोम की तरह समृद्ध था. रोम की तरह ही यहां बड़े-बड़े घर, उपवन, झील और तालाब थे.
मित्रों सोचिए जिस रोम को पश्चिमी इतिहासकार विश्व की सबसे समृद्ध सभ्यताओं में मानते हैं. जिस रोम को विकास का मानदंड़ माना जाता है. पुर्तगाली व्यापारी लिखते हैं कि विजय नगर साम्राज्य वैसा ही था. सोचिए कितना समृद्ध और उन्नत राज्य रहा होगा विजयनगर. क्या आज हमें अपने गौरवशाली अतित को बेहतर समझने के लिए विजयनगर साम्राज्य की जानकारी विस्तार से नहीं होनी चाहिए.
मुगलों से आजादी के लिए लड़ते रहे लोग
अफसोस हमारी इतिहास की किताबों में अब तक समृद्धि का मानदंड़ ताजमहल और लालकिला को ही बताया जाता रहा है. विजनगर के गौरवशाली इतिसाह को फुट नोट की तरह दर्ज किया गया और उसकी पूरी जानकारी नहीं दी गई.
मित्रों अब तक इतिहास की किताबों में मुगलों को भारत का एकछत्र शासक बताया जाता रहा है. लेकिन नई किताब में नए तथ्य हैं. बताया गया है कि मुगलों की अन्यायपूर्ण नितियों के खिलाफ भारतभूमि पर असंतोष के सुर भी बुलंद थे.
पुस्तक के पेज नंबर 45 पर उन वीर और स्वतंत्रताप्रेमी भारतवंशियों की जानकारी है, जिन्होंने मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की. इनमें जाट, भील, गुर्जर, गोंड और संथालों का विशेष तौर पर वर्णन हैं. सोचिए ये कैसे स्वतंत्रता प्रेमी लोग थे जो मुगलों के खिलाफ खड़े थे.
पेज नंबर 46 पर रानी दुर्गावती की वीरता की कहानी का वर्णन है. कैसे रानी दुर्गावती ने 20 हजार सैनिकों की मदद से अकबर की सेना का मुकाबला किया था. पेज नंबर 47 पर विस्तार से महाराणा प्रताप की वीरता का आख्यान है. गुरिल्ला वारफेयर के साथ ये भी बताया गया है कि कैसे महाराणा प्रताप ने अकबर के खिलाफ भीलों के सहयोग से मुगलों का मुकाबला किया था.
अहोम साम्राज्य ने नाक में किया था दम
मित्रों मुगलों की विजयगाथा बयान करनेवाले बुद्धजिवियों से आज हम कहेंगे कि उन्हें नई पुस्तक का पेज नंबर 48 जरूर पढ़ना चाहिए. मुगलों को अजेय बतानेवालों को इस पेज को जरूर पढ़ना चाहिए. पेज नबंर 48 पर असम के अहोम राज्य का वर्णन है. बताया गया है कि अहोम राजाओं ने कैसे दिल्ली के मुस्लिम शासकों के असम जीतने के सपने को पूरा नहीं होने दिया.
पेज नंबर 49 पर ये बताया गया है कि कैसे कैसे मुगल सेनापति ने अहोम सेना की तारीफ की थी. उन्हें महान योद्धा बताया था. मित्रों विद्धान कहते हैं कि मनुष्य संपूर्ण और सही नजरिया तभी बना सकता है जब उसे सभी पक्षों की जानकारी है. इतिहास सिर्फ घटनाओं का लेखाजोखा नहीं होता है. इतिहास भावी पीढ़ी को अतीत से जोड़ता है. उसका नजरिया तय करता है.
अफसोस है कि मुगलों के दिमाग से चलनेवाले नजरिए ने एक खास नैरेटिव बनाने के लिए इतिहास के तथ्यों के साथ छल किया. दिल्ली के मुस्लिम शासकों को महान बताने के लिए उनकी क्रूरता को इतिहास से गायब कर दिया गया. वहीं भारतीय संस्कृति से जुड़े शासकों की वीरता, दूरदर्शी सोच और सहिष्णु नीतियों को भी इतिहास में कम जगह दी गई.
ये इतिहास में एक खास विचारधारा की मिलावट थी. आज नए तथ्य इस मिलावट को खत्म कर रहे हैं. मित्रों जरूरी है कि एक निर्दोष और सही दृष्टिकोण बनाने के लिए हम तथ्यों को सही तरीके से समझें. NCERT की नई पुस्तक उसी तरफ एक नया कदम है.