Akash Prime Air Defence System: भारतीय सेना ने आकाश प्राइम नाम के एयर डिफेंस सिस्टम का 15 हजार फीट की ऊंचाई पर सक्सेसफुल ट्रायल किया. ये परीक्षण लद्दाख सेक्टर में हुआ है. यह सिस्टम दुश्मन के फाइटर जेट, मिसाइलों और ड्रोन को हवा में ही नष्ट करने में काबिल है.
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Akash Prime Air Defence System: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत अपनी डिफेंस सिस्टम को और मजबूत कर रहा है. इसी कड़ी में भारतीय सेना ने 'आकाश प्राइम' एयर डिफेंस सिस्टम का 15,000 फीट की ऊंचाई पर सफल परीक्षण किया है. यह सिस्टम दुश्मन के फाइटर जेट, मिसाइलों और ड्रोन को हवा में ही नष्ट करने में काबिल है. इसका मकसद पाकिस्तान, चीन और तुर्किए जैसे देशों की किसी भी हवाई चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देना है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी आकाश सिस्टम ने शानदार प्रदर्शन किया था. अब इस न्यू वर्जन 'प्राइम' की तैनाती से भारत की सरहदें और भी महफूज हो जाएंगी. यह एक स्वदेशी तकनीक है जो देश की आत्मनिर्भरता को भी मजबूती देती है.
भारतीय सेना ने यह सफल परीक्षण बुधवार को लद्दाख में किया है, जहां स्वदेशी रूप से विकसित आकाश प्राइम सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली का उच्च ऊंचाई पर सफलतापूर्वक परीक्षण हुआ. यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सीनयर अफसरों के सहयोग से सेना एयर डिफेंस द्वारा 15,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर किए गए, जिन्होंने इस सिस्टम को विकसित किया है.
In a significant development, Indian Army today carried out successful trials of the indigenously developed Akash Prime air defence system at over 15,000 feet altitude in the Ladakh sector. The trial were carried out by the Army Air Defence along with senior officials of the… pic.twitter.com/6IKL8xXGP0
— ANI (@ANI) July 16, 2025
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि मिसाइलों ने विरल वातावरण में तेजी से गतिमान हवाई टारगेट्स पर दो सीधे हमले किए, जिससे चरम स्थितियों में सिस्टम की प्रभावशीलता प्रदर्शित हुई. आकाश प्राइम को सेना की तीसरी और चौथी आकाश रेजिमेंट में शामिल किया जाएगा. इस सिस्टम ने पहले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपनी परिचालन सफलता साबित की थी, जहां इसने चीनी जेट और तुर्किये ड्रोन का इस्तेमाल करके पाकिस्तानी सेना के हवाई खतरों का मुकाबला करने में मदद की थी.
इस दौरान रक्षा अधिकारी ने बताया, 'एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, भारतीय सेना ने आज लद्दाख सेक्टर में 15,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्वदेश निर्मित आकाश प्राइम वायु रक्षा प्रणाली का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण सेना वायु रक्षा द्वारा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर किया गया, जिसने इस प्रणाली को विकसित किया है. परीक्षणों के दौरान, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों ने अत्यंत ऊँचाई वाले क्षेत्र में विरल वातावरण में अत्यंत तेज़ गति से चलने वाले लक्ष्य विमानों पर दो सीधे प्रहार किए. आकाश प्राइम सिस्टम भारतीय सेना में आकाश वायु रक्षा प्रणालियों की तीसरी और चौथी रेजिमेंट का गठन करेगी. इस सिस्टम ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीनी विमानों और तुर्की ड्रोनों का उपयोग करके पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए हवाई हमलों को विफल करने में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था.'
भारतीय सेनाओं की बड़ी पहल
दरअसल, भारतीय सेनाओं को आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने जुलाई महीने की शुरुआत में ही एक बड़ी पहल कर दी है. इस पहल के तहत 1.05 लाख करोड़ की स्वदेशी खरीद परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। यह मंजूरी मिलने से भारतीय सेनाओं का एयर डिफेंस सिस्टम मजबूत होगा। सेना को मिसाइलों व इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम की आपूर्ति की जा सकेगी. इस मंजूरी के तहत तीनों सेनाओं, थल सेना, नौसेना और वायुसेना, को आवश्यक उपकरण और हथियार मुहैया कराए जाएंगे. तीनों सेनाओं के लिए खरीदे जाने वाले उपकरण स्वदेशी होंगे. इन्हें भारत में ही बनाया जाएगा और भारतीय कंपनियों से ही खरीदा जाएगा.