इस ऑफिस में 110 घंटे काम करने का प्रेशर, मौत की कगार पर पहुंचने लगे कर्मचारी!
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इस ऑफिस में 110 घंटे काम करने का प्रेशर, मौत की कगार पर पहुंचने लगे कर्मचारी!

Work pressure: एक विदेशी फर्म में काम करने वाले जूनियर बैंकर को हफ्ते में करीब 110 घंटे काम करने के बाद मल्टी ऑर्गन फेल्योर होने के चलते आईसीयू में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है.

इस ऑफिस में 110 घंटे काम करने का प्रेशर, मौत की कगार पर पहुंचने लगे कर्मचारी!

Working Hours: बेस्ट वर्क प्लेस, हेल्दी वर्क एनवायरमेंट और वर्किंग ऑवर्स को लेकर छिड़ी वैश्विक बहस के बीच एक बैंक एम्प्लाई मरते-मरते बचा, हालांकि अभी उसकी गंभीर बनी हुई है. इस ऑफिस में दिन में 20-20 घंटे काम करने के चक्कर में एक जूनियर बैंक एम्प्लाई मौत की कगार पर पहुंच गया. उसके साथियों का दावा किया है कि अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा साथीसे भी हफ्ते में 110 घंटे काम कराया जाता था.

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक 100 साल पुराने मिडवेस्टर्न इन्वेस्टमेंट बैंक रॉबर्ट डब्ल्यू बेयर्ड की इंडस्ट्रियल यूनिट के कर्मचारियों ने बताया कि वर्कलोड के कारण दो कर्मचारियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. उनमें से एक घर में बेहोश हो गया था उसका पैंक्रियास फेल हो गया था.

बाकी टीम की सेहत नाजुक! आपबीती

रिपोर्ट में कई जूनियर बैंकरों के पर्सनल एक्सपीरिएंस के बारे में बताया गया है, जिन्हे अमानवीय परिस्थितियों में काम करना पड़ रहा है. नाम न छापने की शर्त पर उन कर्मचारियों ने अपनी एक सदी पुरानी फर्म में हो रही ज्यादतियों की आपबीती साझा की है.

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एक अन्य कर्मचारी ने कहा कि ए बार जब वो डिनर के लिए करीब 25 मिनट के लिए बाहर गए तो उसका मैनेजर नाराज हो गया. उन्होंने भड़कते हुए कहा, 'बिना इनफार्म किए किसी को 5 मिनट से अधिक समय के लिए सीट छोड़ने की इजाजत नहीं है.'

एक अन्य कर्मचारी ने HR टीम से कहा, 'वर्क लोड बहुत ज्यादा है, तो शिकायत पर ध्यान नहीं दिया गया. कुछ समय बाद वो घर पर बेहोश हो गया. डॉक्टरों ने बताया कि ऑर्गन फेल्योर की ये घटना संभवतः बहुत लंबे समय तक काम करने के कारण हुई.

नौकरी से निकाला-सोशल मीडिया पर भड़का आक्रोश

इसके कुछ दिन बाद, वो फिर अस्पताल में भर्ती हुआ तो खराब वर्क प्रोडक्टिविटी की वजह से उसे नौकरी से निकाल दिया गया. एक साथ कई केस सामने आने के बाद बैंकिंग प्रोफेशनल्स के बीच बहस छिड़ी तो बैंकिंग फर्म ने आरोपों से पल्ला झाड़ लिया. इंटरनेट पर फर्म के खिलाफ नेटिजंस का भारी गुस्सा देखने को मिला.

कई अन्य जूनियर बैंकरों ने अपना डर निकलने के बाद खुलकर रिएक्शन देते हुए अमानवीय वर्क कल्चर के अनुभव साझा किए. एक कर्मी ने दुखड़ा सोशल मीडिया पर रोया तो उसकी पोस्ट वायरल होने के बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया.

नियमों की अनदेखी- दो की मौत

हाल के वर्षों में वॉल स्ट्रीट में सुधारों के बावजूद, ये फर्म सुधने को राजी नहीं है. कानूनन ये फर्म कर्मचारियों से हफ्ते में 80 घंटे से ज्यादा काम नहीं करा सकती. लेकिन इन नियमों को बेयर्ड की औद्योगिक टीम ने अनदेखा की. जर्नल के मुताबिक 2024 से 2025 तक बेयर्ड की औद्योगिक टीम के एक दर्जन से अधिक बैंकर नौकरी छोड़ चुके हैं. ये मामले हाल के सालों में हुई दुखद घटनाओं की सीरीज का एक हिस्सा है, जहां 2 जूनियर बैंकरों की वर्क लोड के चलते मौत हो गई.

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श्वेतांक रत्नाम्बर

जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली से जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई और पॉलिटिकल साइंस में भी ग्रेजुएशन. 21 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. राजनीतिक खबरों से ख़ास लगाव. फिलहाल ज़ी न्यूज (...और पढ़ें

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