डायबिटीज और कब्ज में कैसे राहत पहुंचाती है ये काली चीज, स्किन के लिए भी अच्छी
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डायबिटीज और कब्ज में कैसे राहत पहुंचाती है ये काली चीज, स्किन के लिए भी अच्छी

Terminalia chebula: छोटी हरड़ को इंसानों के लिए अगर कुदरत का तोहफा कहे तो शायद गलत नहीं होगा, क्योंकि इससे सेहत से जुड़ी कई परेशानियां दूर या कम हो सकती हैं.

डायबिटीज और कब्ज में कैसे राहत पहुंचाती है ये काली चीज, स्किन के लिए भी अच्छी

Chhoti Harad Ke Fayde: छोटी हरड़ को हरीतकी (Haritaki) भी कहते हैं. यह एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसका इस्तेमाल सेहत से जुड़ी अलग-अलग परेशानियों के इलाज के लिए किया जाता है. ये एक मिडियम साइज का पर्णपाती पेड़ (Deciduous Tree) है जो 30 मीटर (98 फीट) तक लंबा होता है. हरड़ का इस्तेमाल डाइजेशन, कब्ज, और दूसरे हेल्थ प्रॉब्लम्स के लिए किया जाता है.

हिमालय का तोहफा
छोटी हरड़ का वैज्ञानिक नाम 'टर्मिनलिया चेबुला' (Terminalia chebula) है. इसके फल को गुठली बनने से पहले ही तोड़कर सुखाया जाता है; उसे ही छोटी हरड़ बोलते हैं. इसका रंग आमतौर पर काला, पीला या भूरा होता है. इसका पौधा खास तौर से हिमालयन एरियाज में पाया जाता है.

क्यों फायदेमंद है छोटी हरड़?
वैद्यक ग्रंथों में लिखा है कि जन्म देने वाली माता धोखा दे सकती है, मगर पेट में गई हुई हरड़ धोखा नहीं दे सकती. कहने का भाव है कि जैसे माता बालक को कोई परेशानी नहीं होने देती, उसी तरह हरड़ का सेवन करने से अगर दस्त भी लग जाए तो पेट में दर्द या जलन नहीं होगी, बल्कि सहजता से विरेचन कर काया को निरोगी बनाती है.

पेट के लिए अच्छी
चरक संहिता के मुताबिक, छोटी हरड़ एक नेचुरल लैक्सेटिव है, जो कब्ज से राहत दिलाने, मल त्याग को नियमित करने और अपच, गैस व पेट फूलने जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है. साथ ही ये शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालने और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद करता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिल सकती है.

शुगर पेंशेट के लिए औषधि
ये डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि ये ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को रोगों से लड़ने की ताकत देते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं.

खून साफ करने में माहिर
इसके ब्लड प्यूरिफिकेशन और रिजुविनेटिंग प्रॉपर्टीज के कारण ये स्किन से जुड़ी परेशानियों जैसे मुंहासे, दाने और सूजन में फायदेमंद हो सकती है. ये बालों की सेहत को भी बढ़ावा देती है.

सांसों की परेशानियों में राहत
खांसी, जुकाम, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांसों से जुड़ी परेशानियों में इसका इस्तेमाल किया जाता है. ये बलगम को पतला करके फेफड़ों से बाहर निकालने में मदद करती है और सांस लेने में आसानी पैदा करती है. हालांकि किसी भी डॉक्टर की सलाह के बगैर इसका सेवन नहीं करना चाहिए.

(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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