मौजूदा दौर में इंटरनेट पर कई तरह के डाइट ट्रेंड्स देखे जा सकते हैं, उनमें से एक है 'फाइबरमैक्सिंग', लेकिन कुछ भी नई चीज अपनाने से पहले इसके फायदे और खतरे दोनों पर गौर करना जरूरी है.
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What Is Fibremaxxing: आजकल 'फाइबरमैक्सिंग' का नाम काफी सुनने को मिल रहा है, दरअसल एक नया सोशल मीडिया हेल्थ ट्रेंड है जो खास तौर से टिकटॉक और इंस्टाग्राम पर वायरल हुआ है, जिसमें लोग अपने डेली फाइबर इनटेक को तुरंत बढ़ा देते हैं. कभी-कभी डॉक्टर्स द्वारा बताई गई 25–30 ग्राम की लिमट (महिलाओं के लिए 25 ग्राम, पुरुषों के लिए 38 ग्राम) से भी ज्यादा.
फाइबरमैक्सिंग की चाहत क्यों?
फाइबरमैक्सिंग का टारगेट है ज्यादा से ज्यादा डाइटरी फाइबर लेने का - चाहे वो होल फूड जैसे फल, सब्जियां, होल ग्रेंस, फलियां, नट्स से हो या फाइबर सप्लिमेंट्स के जरिए हो. ये ट्रेंड ट्विटर, इंस्टाग्राम, टिकठॉक पर कलरफुल हाई फाइबर रेसिपी (चिया पुडिंग,ओट्स बाउल, बीन सलाद) शेयर करते हुए पॉपुलर हुआ है.
फाइबरमैक्सिंग के फायदे
1. डाइजेशन में सुधार
न घुलने वाले फाइबल मल त्याग को आसान बनाता है, वहीं सॉल्युएबल फाइबर डाइजेशन को ईजी बनाता है; दोनों के कॉम्बिनेश कंबाइंड रेगुलर बाउल मूवमेंट में मदद करते हैं.
2. वेट मैनेजमेंट
फाइबर खाने से फुलनेस हार्मोन (PYY) एक्टिव होते हैं, जिससे भूख कम लगती है और वजन को काबू में रखना आसान हो जाता है.
3. शुगर कंट्रोल और दिल का ख्याल
सॉल्युएबल फाइबर शुगर के एब्जॉर्ब्शन को स्लो करता है, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बाइंड कर क्रिटिकल कार्डिएक रिस्क को दूर करता है. यानी डायबिटीज और हार्ट पेशेंट के लिए ये फायदेमंद है.
4. ब्रेन और आंत की सेहत
फर्मेंटेबल फाइबर SCFAs जैसे Butyrate बनवाते हैं, जो सूजन को कम और कॉग्निशन को सपोर्ट करते हैं.
5. लॉन्ग टर्म हेल्थ बेनेफिट
कई स्टडीज में हाई फाइबर डाइट से हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, कोलन कैंसर और टाइप-2 डायबिटीज के खतरे में 16–30% तक की कमी आती है.
फाइबरमैक्सिंग के खतरे
1. फाइबर इनटेक अचानक बढ़ा देने से पेट फूलना, गैस, डायरिया, कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं, खासकर अगर पानी ठीक से न पिया हो.
2. शरीर में कम पानी के फाइबर काम नहीं करता और पेट ब्लॉक हो सकता है. इसके अलाव न्यूट्रीएंट एब्जॉर्ब्शन भी अफेक्ट हो सकता है.
3. IBS, IBD, SIBO जैसी परेशानियों का सामना करने वाले लोगों के लिए हाई फाइबर और ज्यादा प्रॉब्लम्स पैदा कर सकता है, उन्हें फ्लेयर्स अप की संभावना होती है.
4. अगर आप सिर्फ फाइबर पर फोक्स करेंगे, तो प्रोटीन, हेल्दी फैट्स और आयरन जैसे न्यूट्रीएंट्स की की कमी हो सकती है.
फाइबरमैक्सिंग में इन बातों का रखें ख्याल
1. धीरे धीरे शुरू करें: अगर आप 10 ग्राम प्रति दिन से बढ़ रहे हैं, तो ओवर न करें; फाइबर इनटेक को 2–3 हफ्तों में स्टेप वाइज बढ़ाएं.
2. पानी खूब पीएं: तकरीबन 8–10 कप (2.5‑3 लीटर) पानी हर दिन लें ताकि फाइबर स्मूदली डाइजेस्ट हो सक.
3. कई फाइबर सोर्सेज को कंबाइन करें: सॉल्यूएबल फाइबर (ओट्स, चीया सीड्स, फलियां) और सॉल्यूएबल फाइबर (चोकर, सब्जियां, साबुत अनाज) दोनों को शामिल करें.
4. बाकी न्यूट्रीएंट्स पर भी ध्यान दें: फाइबर रिच फूड्सके साथ प्रोटीन, हेल्दी फैट्स और आयरन रिच फूड्स भी भोजन में जरूर शामिल करें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.