महिलाओं के लिए योग सिर्फ आम दिनों में ही नहीं, बल्कि डिलिवरी के बाद भी काफी फायदेमंद होता है. इससे कई परेशानियों से राहत पाने में मदद मिलती है.
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Yoga For New Mother: आज मदर्स डे है, यानी उस महिला का दिन, जो 206 हड्डियों के टूटने का दर्द सहकर नई जिंदगी को दुनिया में लाती है. हालांकि, एक नन्हीं सी जान को दुनिया में लाने के लिए उसे फिजिकल चेंजेज से लेकर कई बड़ी-बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. एंग्जाइटी भी इस लिस्ट में शामिल है.
मां के लिए योग कैसे है वरदान
खास बात है कि हमारा योग न्यू मॉम यानी मदरहुड का सुख पाने वाली महिलाओं के लिए वरदान है. परेशानी का हल योग में निहित है. असर में देखें तो मदर्स डे के लिए यह एक बेहतरीन तोहफे की तरह है. 'योग फॉर लाइफ' की ट्रेनर और को-फाउंडर कविता अरोड़ा ने न्यू मॉम के लिए कौन-कौन से योगासन फायदेमंद हैं, इस बारे में डिटेल से जानकारी दी.
डिलिवरी के बाद जरूरी
उन्होंने बताया, “मां बनना हर महिला के जीवन का सबसे खूबसूरत और खास अहसास होता है. हालांकि, डिलिवरी के बाद शरीर में कई बदलाव आते हैं. इनमें शारीरिक थकान, हार्मोनल उतार-चढ़ाव, मेंटल स्ट्रेस और शारीरिक कमजोरी के साथ तेजी से बढ़ता वजन भी होता है. इन समस्याओं को बाय-बाय करने और सेहत को बेहतर बनाने के लिए योगासन असरदार उपाय है.
वेट कंट्रोल में मददगार
उन्होंने आगे बताया, “देखिए, डिलिवरी के बाद महिलाओं का वजन बढ़ जाता है, तो इस वजह से उनके मन में एक तरह की एंग्जाइटी आ जाती है और दूसरी तरफ नई जिम्मेदारी को लेकर उन पर इमोशनल प्रेशर होता है. तो सबसे जरूरी है कि वे अपने मानसिक और शारीरिक तंदुरुस्ती का ख्याल रखें.”
इन आसन को अपनाएं
डिलिवरी के कम से कम 4 महीने बाद हैवी योगासन को अपनाना चाहिए. शुरुआत में ध्यान, प्राणायाम, अनुलोम विलोम, भ्रामरी हैं, जिनसे उन्हें बहुत मदद मिलती है. इसके अलावा आरामदेह प्राणायाम और आसन- जैसे श्वासन, शशांक आसन, पश्चिमोत्तन आसन, जानु शिर्षासन ये सब मदद करते हैं. बात वजन घटाने की आती है, तो खान-पान पर ध्यान देने के साथ ही उन्हें तितली आसन, चक्की चालन आसन, भुजंगासन, सेतुबंधासन, उत्कटासन आदि करने चाहिए.
भुजंगासन महिलाओं के लिए बेस्ट आसनों में से एक है. इससे शरीर के ऊपरी भागों में खिंचाव होता है और चेहरे पर चमक भी आती है. ब्रेस्टफीडिंग में आने वाली समस्याओं में इससे राहत मिलती है. धनुरासन से वजन घटता है, जिससे मोटापा कम होता है. ये आसन भी शरीर को स्ट्रेच करने में मददगार है. वहीं, सेतुबंधासन शरीर के नीचले हिस्सों के लिए फायदेमंद होता है. फिर भी उम्र और सेहत को ध्यान में रखकर किसी योग एक्सपर्ट से सलाह जरूर लेनी चाहिए.
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.