क्या पेरेंट्स के तलाक पर बच्चों को विशेष छूट देता है UPSC, जानें ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने कैसे उठाया फायदा
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क्या पेरेंट्स के तलाक पर बच्चों को विशेष छूट देता है UPSC, जानें ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने कैसे उठाया फायदा

ट्रेनी IAS पूजा खेडकर का मामला हर रोज एक नया मोड़ लेता दिखाई दे रहा है. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि पूजा ने अपने माता-पिता के तलाक का दावा कर UPSC एग्जाम में OBC नॉन-क्रीमी लेयर का फायदा उठाया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या वाकई माता-पिता के तलाक का दावा कर UPSC में आरक्षण का फायदा उठाया जा सकता है. 

क्या पेरेंट्स के तलाक पर बच्चों को विशेष छूट देता है UPSC, जानें ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने कैसे उठाया फायदा

नई दिल्लीः आरक्षण का गलत फायदा उठाने के मामले में घिरी ट्रेनी IAS पूजा खेडकर का मामला हर रोज एक नया मोड़ लेता दिखाई दे रहा है. रिपोर्ट्स की मानें, तो इस पूरे मामले पर केंद्र ने पुणे पुलिस को पूजा खेडकर के माता-पिता के मैरिटल स्टेटस से जुड़ी सभी तरह की जानकारियां मांगी है. पूजा खेडकर को लेकर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने UPSC में क्वालीफाई करने के लिए आरक्षण का गलत तरीके से इस्तेमाल किया है. 

  1. 8 लाख से ज्यादा आमदनी पर नहीं मिलता आरक्षण
  2. क्या तलाक की स्थिति में मिल सकता है लाभ 
     

क्या बच्चे तलाक का कागजात दिखा उठा सकते हैं आरक्षण का लाभ 
आरोप है कि उन्होंने अपने पेरेंट्स के तलाक का दावा करने UPSC एग्जाम में OBC नॉन-क्रीमी लेयर का फायदा उठाया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि UPSC में आरक्षण को लेकर क्या नियम-प्रावधान है. और क्या वाकई माता-पिता के तलाक का कागजात दिखाकर छात्र परीक्षा में विशेष फायदा उठा सकते हैं. 

8 लाख से ज्यादा आमदनी पर नहीं मिलता आरक्षण
रिपोर्ट्स की मानें, तो UPSC ओबीसी से आने वाले उन छात्रों को आरक्षण का लाभ नहीं देता है, जिनके माता-पिता पहले से आईएएस हो. क्योंकि ऐसे लोग पहले से ही क्लास वन लेबल के जॉब में होते हैं और उनकी इनकम भी 8 लाख से ज्यादा होती है. UPSC ओबीसी समुदाय में उन लोगों को आरक्षण देता है, जिनके माता-पिता की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम होती है. इसमें कृषि से होने वाली कमाई नहीं जोड़ी जाती है. 

क्या तलाक की स्थिति में मिल सकता है लाभ 
UPSC एग्जाम में तलाक को लेकर किसी भी तरह के आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है. UPSC एग्जाम में सिर्फ SC, ST, OBC, EWS और दिव्यांगों को उम्र में 5 सालों की राहत देता है. हालांकि, तलाक की स्थिति में माता-पिता के अलग होने के बाद यदि परीक्षार्थी अपने माता के साथ रहता है, तो ऐसी स्थिति में पेरेंट्स आय 8 लाख रुपये से कम हो जाती है और OBC नॉन-क्रीमी लेयर का फायदा उठा सकता है. 

पूजा खेडकर मामले में भी संभवतः इसी बिंदु को मुद्दा बनाया जा रहा है और केंद्र सरकार ने पुणे पुलिस से इसी चीज को लेकर जानकारी मांगी है. पूजा खेडकर पर विकलांगता का गलत सर्टिफिकेट बनाने, नाम, पता और कई तरह की जानकारियों में फर्जीवाड़ा करने का आरोप है. 

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