Mahadayi Row: कर्नाटक और गोवा में इन दिनों एक डैम को लेकर जंग चल रही है. कर्नाटक सरकार महादयी नदी पर डैम बनाकर राज्य में पानी की कमी दूर करना चाहती है तो गोवा को लग रहा कि उसके हिस्से के पानी पर डाका डाला जा रहा. जानिए इस नदी और उस पर चली आ रही जंग की कहानी...
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Goa Vs Karnataka: दक्षिण भारत के दो राज्य इन दिनों पानी को लेकर आमने-सामने हैं. कर्नाटक और गोवा के बीच 'महादयी नदी' बहती है, जिसकी कुल लंबाई 77 किलोमीटर है. कर्नाटक सरकार इस नदी पर डैम बनाना चाह रही, जिसके विरोध में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत खुलकर मैदान में आ चुके हैं. ये विवाद काफी समय से चल रहा है. इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक गुहार लगाई जा चुकी है.
डीके शिवकुमार बोले- मानसिक संतुलन खो बैठे हैं प्रमोद सावंत
प्रमोद सावंत ने मंगलवार को कहा कि महादयी नदी का रुख मोड़ना किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. गोवा सरकार इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की याचिका दायर करेगी. सीएम के इसी बयान के बाद से ये मुद्दा फिर से गरमा गया है. आज कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने यहां तक कह दिया कि मुझे लगता है कि गोवा के मुख्यमंत्री अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं क्योंकि उन्हें नहीं पता कि किस तरह का अंतर-राज्यीय संबंध होना चाहिए. मैं काम शुरू करने जा रहा हूँ. उन्हें इसे रोकने दीजिए.
सिद्धारमैया ने कन्नड़ अस्मिता से जोड़ दिया मुद्दा
इससे पहले कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने भी प्रमोद सावंत को चुनौती देते हुए कहा था कि वे इस मामले पर कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं. सिद्धारमैया ने तो प्रमोद सावंत के बयान को कन्नड़ लोगों की अस्मिता से जोड़ते हुए इसे राज्य के लोगों के लिए अपमानजनक तक करार दिया. उन्होंने मोदी सरकार को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि केंद्र इस मामले पर ठंडा रवैया क्यों दिखा रहा है?
52 km गोवा और 29 km कर्नाटक में बहती है नदी
दरअसल इस पूरे विवाद की जड़ एक डैम है जिसे कर्नाटक सरकार बनाकर नदी का रुख मोड़ना चाह रही है. 77 किलोमीटर लंबी नदी 52 किलोमीटर तक गोवा में और बाकी 29 किलोमीटर कर्नाटक में बहती है. कर्नाटक के बेलगाम जिले से इस नदी का उद्गम हुआ है.
#WATCH बेंगलुरु | महादयी परियोजना पर गोवा के मुख्यमंत्री के बयान पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, "मुझे लगता है कि गोवा के मुख्यमंत्री अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं क्योंकि उन्हें नहीं पता कि किस तरह का अंतर-राज्यीय संबंध होना चाहिए... मैं काम शुरू करने जा रहा… pic.twitter.com/PlDf55kAL2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 24, 2025
दो नहरों में महादयी का पानी ले जाने की है परियोजना
कर्नाटक सरकार डैम बनाकर कलसा और बंडूरी, इन दो नहरों में नदी का पानी लाना चाहती है जिससे राज्य में पानी की जरूरतों को पूरा किया जा सके. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इसी परियोजना पर आंखें तरेर ली हैं. उनका मानना है कि इससे गोवा के हिस्से के पानी पर डाका डाला जाएगा.
केंद्र से परियोजना शुरू न होने देने का मिला भरोसा!
प्रमोद सावंत का रुख तब से और ज्यादा आक्रामक हो गया, जब से उन्हें केंद्रीय जल संसाधन मंत्री की ओर से कर्नाटक सरकार की इस डैम परियोजना को शुरू न होने देने का भरोसा मिल गया है. सावंत ने बाकायदा विधानसभा में इस बात का ऐलान भी कर दिया था. उसी के बाद से ये विवाद और बढ़ गया.
सिद्धारमैया ने 2018 का फैसला याद दिलाया
सिद्धारमैया केंद्र के रुख को अपने साथ सौतेला व्यवहार मानते हुए कहा कि 2018 के ट्रिब्यूनल के फैसले में कर्नाटक को 13.42 टीएमसी पानी आवंटित करने के बावजूद, केंद्र सरकार गोवा की बीजेपी सरकार के साथ मिलीभगत करके इस परियोजना को अंजाम तक पहुंचने में अड़ंगा लगा रही है. सिद्धारमैया ने कहा कि ये नदी राज्य की जीवन रेखा है, कोई सौदेबाजी का जरिया नहीं.