FAQ: मुंबई ट्रेन ब्लास्ट आरोपियों की रिहाई का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने रोका.. फिर भी वो क्यों नहीं भेजे जाएंगे जेल?
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FAQ: मुंबई ट्रेन ब्लास्ट आरोपियों की रिहाई का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने रोका.. फिर भी वो क्यों नहीं भेजे जाएंगे जेल?

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया है. उनका जवाव आने के बाद  आगे सुनवाई करेगा. कोर्ट आगे चलकर महाराष्ट्र सरकार और आरोपियों की ओर से पेश वकीलों की जिरह सुनने के बाद तय करेगा.

FAQ: मुंबई ट्रेन ब्लास्ट आरोपियों की रिहाई का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने रोका.. फिर भी वो क्यों नहीं भेजे जाएंगे जेल?

Mumbai Blast Case: मुंबई ट्रेन ब्लास्ट 2006 के मामले में  सभी आरोपियों को बरी किये जाने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो आरोपी जेल से रिहा हुए है उन्हें अभी जेल नहीं भेजा जाएगा. महाराष्ट्र सरकार का कहना था कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कुछ ऐसी टिप्पणी की  है जो केस का ट्रायल प्रभावित कर सकती है. इसके मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश के उस हिस्से पर रोक पर लगाई. महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश किसी दूसरे मामले में नज़ीर नहीं बनेगा. यानि इसका हवाला देकर कोई दूसरा आरोपी किसी दूसरे केस में राहत  नहीं पा सकता.

महाराष्ट्र सरकार ने SC में क्या कहा?
आज सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस केस में सभी आरोपी बरी हो गए है. हम आपसे यह मांग नहीं कर रहे कि आप उन्हें सरेंडर कर वापस जेल जाने को कहे.  हम आदेश पर रोक लगाने की मांग इसलिए कर रहे है क्योंकि हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कुछ ऐसी बात कहीं है, जिनका असर मकोका के तहत दूसरे केस में चल रहे ट्रायल पर पड़ सकता है. इसलिए रोक ज़रूरी है

अब आगे क्या होगा?
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया है. उनका जवाव आने के बाद  सुप्रीम कोर्ट आगे सुनवाई करेगा. कोर्ट आगे चलकर महाराष्ट्र सरकार और आरोपियों की ओर से पेश वकीलों की जिरह सुनने के बाद तय करेगा कि बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश क़ानून सम्मत है या नहीं.

मामला क्या था?
2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट में 187 लोग मारे गए थे, जबकि 824  लोग घायल हो गए थे. मकोका कोर्ट ने इस केस में 12 आरोपियों को दोषी करार देते हुए 5 को फांसी की सज़ा सुनाई थी. इसके अलावा कोर्ट ने 7 को उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी.21 जुलाई को दिए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया.हाई कोर्ट ने अपने आदेश में मुंबई ATS पर सवाल खड़े करते हुए  कहा था कि आरोपियों का दोष साबित करने में नाकाम रही है.

FAQ
Q1:
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक क्यों लगाई?
Ans: क्योंकि हाई कोर्ट की टिप्पणियां दूसरे मामलों के ट्रायल को प्रभावित कर सकती हैं.

Q2: जिन आरोपियों को रिहा किया गया है क्या उन्हें फिर से जेल भेजा जाएगा?
Ans: नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि रिहा हुए आरोपियों को अभी जेल नहीं भेजा जाएगा.

Q3: अब इस केस में आगे क्या होगा?
Ans: सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपियों को नोटिस भेजा है. उनके जवाब के बाद अगली सुनवाई होगी.

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