DNA Analysis: हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक फैसला दिया है. अगर किसी व्यक्ति की पत्नी अपने पति को उसके परिवार, दोस्तों और सहयोगियों के सामने अपमानित करती है, एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर होने का बेबुनियाद आरोप लगाती है, संबंध बनाने से इनकार करती है, तो यह पति के साथ पत्नी की क्रूरता मानी जाएगी.
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DNA Analysis: बात पति-पत्नी और अदालत की हो रही है तो अब एक और कहानी आपके लिए है. ये कहानी खासकर पतियों की बिरादरी के लिए खुशखबरी जैसी है. हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक फैसला दिया है. अगर किसी व्यक्ति की पत्नी अपने पति को उसके परिवार, दोस्तों और सहयोगियों के सामने अपमानित करती है, एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर होने का बेबुनियाद आरोप लगाती है, संबंध बनाने से इनकार करती है, तो यह पति के साथ पत्नी की क्रूरता मानी जाएगी. और यह हिंदू मैरेज एक्ट के तहत तलाक के लिए एक ठोस वजह समझी जाएगी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह फैसला एक महिला की उस याचिका की सुनवाई के दौरान दिया जिसमें उसने पुणे फैमिली कोर्ट के नवंबर 2019 के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें पति को तलाक लेने की इजाजत दे दी गई थी.
क्या है पूरा मामला?
पूरा मामला यह है कि इस कपल की शादी वर्ष 2013 में दिसंबर महीने में हुई थी. लेकिन शादी के तुरंत बाद से ही दोनों आपस में झगड़ने लगे और एक साल के भीतर ही अलग हो गए. जुलाई 2015 में महिला ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. महिला ने अपनी इस शिकायत में प्रताड़ित करने, स्त्री-धन हड़पने और घर से निकालने जैसे आरोप लगाए. 2019 में पुणे के फैमिली कोर्ट ने इस मामले में पति को तलाक लेने की इजाजत दे दी थी. महिला ने इस फैसले के खिलाफ वर्ष 2021 में बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. अपनी याचिका में महिला ने कहा था कि वो शादी को खत्म नहीं करना चाहती. साथ ही, महिला ने अपने भरण-पोषण के लिए हर महीने 10 हजार रुपए की मांग की थी.
पति ने आरोप लगाया कि पत्नी दोस्तों के सामने उसका अपमान करती है. उस पर झूठे एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के आरोप लगाती है, उससे संबंध बनाने से इनकार करती है. पति ने यह भी आरोप लगाया कि पत्नी उसकी दिव्यांग बहन पर अत्याचार करती है. इस वजह से उसकी सेहत बिगड़ गई. इतना ही नहीं पत्नी ने उसके कार्यालय के सहयोगियों के साथ भी बुरा व्यवहार किया, जिससे उसे काफी तनाव झेलना पड़ा.
कोर्ट ने महिला की याचिका क्यों की खारिज?
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को समझौते के लिए राजी करने की कोशिश की. लेकिन बात नहीं बनी. आखिर में अदालत ने यह पाया कि दोनों के बीच सुलह की कोई गुंजाइश नहीं बची है. सबूतों के आधार पर न्यायमूर्ति डॉक्टर नीला गोकले और न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे की खंडपीठ ने पत्नी के आरोपों को झूठा पाया. इसलिए कोर्ट ने महिला की याचिका खारिज कर दी और हर महीने 10 हजार रुपए प्रतिमाह भरण-पोषण की मांग को भी ठुकरा दिया और पुणे फैमिली कोर्ट के फैसले को सही ठहराया.
पत्नी की क्रूरता की घटनाएं
हाल में पत्नी की क्रूरता साबित करने वाली कई घटनाएं सामने आई हैं. मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले राजा और सोनम की कहानी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. पहले राजा और सोनम की गुमशुदगी पर लोग तरह-तरह की चर्चा करते रहे और फिर हनीमून के दौरान राजा की हत्या के आरोप में उसकी पत्नी सोनम की गिरफ्तारी ने सबको हैरान कर दिया.
इससे पहले बेंगलुरु में 34 साल के टेक इंजीनियर अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और सास निशा सिंघानिया पर पैसों के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर आत्महत्या कर ली. यही नहीं उन्होंने फैमिली कोर्ट की जज पर भी गंभीर सवाल उठाए थे.
पिछले महीने हरियाणा के रोहतक में हिसार की रहने वाली पत्नी दिव्या और उसके पुलिस इंस्पेक्टर बॉयफ्रेंड से तंग आकर पति मगन उर्फ अजय ने आत्महत्या कर ली थी. उसकी पत्नी का अपने बॉयफ्रेंड के साथ डांस करते हुए एक वीडियो वायरल हुआ, जो मगन को भेजा गया था, जिससे वो बेहद आहत था और फिर उसने सुसाइड का खौफनाक कदम उठा लिया.