big revelation on Jagdeep Dhankhar resignation: जब से जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफे दिया है. हर कोई हैरान है. सबके जेहन में बस एक ही बात है कि आखिर अचानक हुआ क्या कि जगदीप धनखड़ को इस्तीफा देना पड़ा. धनखड़ ने तो 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा तो दे दिया, लेकिन इसके पीछे की असल कहानी अब सामने आई है. जानें क्या हुआ खुलासा.
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Jagdeep Dhankhar resignation: जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफे ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है. धनखड़ ने तो 21 जुलाई 2025 को उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया, लेकिन इसके पीछे की असल कहानी अभी तक लोगों को समझ नहीं आई है. विपक्ष इस मामले में सरकार पर हमलावर है. अब जो इस मामले में खुलासा हुआ है. उसे जानकर हर कोई हैरान हो जाएगा. जानें पूरी बात.
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के पीछे पूरी कहानी
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, जगदीप धनखड़ का इस्तीफा अचानक ऐसे नहीं हुआ है. इसके पीछे सरकार के साथ एक खास फैसले पर मतभेद खुलकर सामने आया है. जिसकी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाराज हो गए थे.
पीएम मोदी इस बात से हुए नाराज
बात शुरू हुई उस दिन जब धनखड़ ने राज्यसभा में हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष के 63 सांसदों की ओर से लाए गए महाभियोग (इम्पीचमेंट) नोटिस को स्वीकार कर लिया. यह नोटिस जज के खिलाफ गंभीर आरोपों की जांच के लिए था. लेकिन सरकार को यह कदम बिल्कुल पसंद नहीं आया. सरकार चाहती थी कि इस तरह का कोई बड़ा कदम पहले लोकसभा में उठाया जाए, जहां विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी इस नोटिस पर हस्ताक्षर किए थे. सूत्रों के अनुसार, धनखड़ ने बिना सरकार से सलाह लिए यह फैसला लिया, जिससे पीएम मोदी और उनके करीबी नेता नाराज हो गए.
2 बड़े केंद्रीय मंत्री ने तत्काल किया फोन
इसी बात को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने धनखड़ को तुरंत फोन किया. सूत्रों के मुताबिक फोन पर बात काफी तीखी हुई. बताया जाता है कि रिजिजू ने धनखड़ को कहा कि इस तरह अचानक नोटिस स्वीकार करना ठीक नहीं था और पीएम मोदी भी इससे खुश नहीं हैं. धनखड़ ने जवाब दिया कि वे सिर्फ राज्यसभा के नियमों का पालन कर रहे हैं. लेकिन इस बातचीत ने माहौल को और गरमा दिया.
मीटिंग में सरकार का कोई नहीं आया, धनखड़ हुए आहत
उसी दिन दोपहर 12:30 बजे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की बैठक हुई, जिसमें जेपी नड्डा और रिजिजू मौजूद थे. लेकिन दूसरी बैठक जो शाम 4:30 बजे होनी थी, उसमें दोनों नहीं आए. इससे धनखड़ को लगा कि उनकी अनदेखी की जा रही है. कुछ सूत्रों का कहना है कि धनखड़ इस बात से बहुत आहत हुए और इसे अपमान के तौर पर लिया. रात 9:25 बजे धनखड़ ने अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर कहा कि स्वास्थ्य कारणों से वे पद छोड़ रहे हैं.
जबरन लिया गया इस्तीफा?
लेकिन विपक्ष का दावा है कि यह इस्तीफा जबरन लिया गया. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि धनखड़ पूरी तरह स्वस्थ दिख रहे थे और यह इस्तीफा राजनीतिक दबाव का नतीजा है. इस पूरी रिपोर्ट को समझा जाए तो कुल मिलाकर, धनखड़ का इस्तीफा सिर्फ स्वास्थ्य की वजह से नहीं, बल्कि जस्टिस यशवंत वर्मा के महाभियोग नोटिस को स्वीकार करने और सरकार के साथ तनाव की वजह से हुआ. अब नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और राजनीतिक गलियारों में चर्चा गर्म है. देखते हैं अगला उपराष्टपति कौन बनता है.