Motihari News: आज के समय में जब रिश्तों का ताना-बाना बिखरता जा रहा है, अपने ही पराए होते जा रहे हैं, ऐसे में जब छात्र-छात्राएं अपने टीचर के लिए आंसू बहाने लगे तो लगता है कि अभी बुनियाद मजबूत है. हम बात कर रहे हैं बिहार के पूर्वी चंपारण स्थित सुगौली के पवरिया टोला प्राथमिक स्कूल के टीचर मधुरेंद्र कुमार का. जैसा नाम, वैसा ही काम. व्यवहार कुशल इतने कि वीडियो में बच्चों की आंसुओं से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि पिछले 11 वर्षों में शिक्षक मधुरेंद्र ने ये आंसू खुद कमाए हैं. रुपये पैसे तो सभी कमाते हैं, लेकिन किसी के आंसू कमाकर देखो तब पता चलता है. वीडियो में जितने भी लोग हैं, सब अंदर से द्रवित हैं, गम में हैं. छात्र फेवरेट टीचर के जाने के गम में हैं तो सहकर्मी अपने साथी के जाने के गम में. सबके हिस्से में गम है और यह गम भी मधुरेंद्र की कमाई है. रिपोर्ट: पंकज कुमार